तंबाकू के नुकसान के विषय में जनसमुदाय को जागरूक करें सीएचओ : डॉ० वीरेंद्र सिंह
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

उरई/जालौन। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय हेल्थ प्रोफेशनल प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। इसमें नए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० वीरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आशा और एएनएम के माध्यम से तंबाकू सेवन और ध्रूमपान करने वाले व्यक्ति को शरीर में होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराया जाए। उपकेंद्र पर आने वालों में कोई गुटका या तंबाकू का सेवन करता है तो उसे इसके दुष्प्रभाव के बारे में समझाने का काम सीएचओ करें।
उन्होंने बताया कि लोगों को इस बात के लिए भी जागरूक करें कि तंबाकू और ध्रूमपान करने से न केवल सेवन करने वाले को बल्कि उसके आसपास के लोगों को भी नुकसान होता है। ध्रूमपान से श्वास सम्बन्धी बीमारी फैलती है। साथ ही कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों को तंबाकू नियंत्रण क्षेत्र बनाने के लिए नगरीय स्तर पर वार्ड सभासद और ग्रामीण स्तर पर प्रधानों का सहयोग लिया जाए। तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्था और शिक्षा विभाग के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सीएचओ को निर्देशित किया कि वह उपकेंद्र पर आने वाले लोगों को जिला अस्पताल की तंबाकू नियंत्रण इकाई के बारे में भी बताए। साथ ही टोल-फ्री नंबर 1800112356 के बारे में भी समझाए।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार महेश कुमार ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सरकारी विभागों के साथ समाज के लोगों की भी सहभागिता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि तंबाकू की लत छोड़ी जा सकती है। इसके लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। साथ ही जिला अस्पताल में इसका काउंसलिंग के साथ दवा भी दी जाती है। इस दौरान जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया, साइकट्रिक सोशल वर्कर दिनेश सिंह आदि मौजूद रहे।