गौशालाओं में बेहतर व्यवस्थाओं को लेकर डीएम ने वर्चुअल बैठक कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
![](http://www.samvadtantra.com/wp-content/uploads/2024/06/Photo-3-1-780x470.jpeg)
उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने भीषण गर्मी को देखते हुए जनपद की समस्त गौशालाओं में बेहतर व्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्चुअल बैठक कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि गौशालाओं में पानी, छाया, हरा चारा आदि की समुचित व्यवस्था निरंतर रहे। बेजुबान पशुओं के लिए नेपियर घास एक पौष्टिक चारा है जो उनके स्वास्थ्य के लिये लाभदायक साबित हो रहा है, हरे चारे की उपलब्धता के लिए नेपियर घास एक बेहतर विकल्प है, जनपद में गौशालाओं के लिए नेपियर घास का अधिक से अधिक उत्पादन करें जिससे गौवंशों के लिए हरे चारे की कमी न होने पाये। नेपियर घास का उत्पादन हरे चारे की निरंतर उपलब्धता के लिए आत्मनिर्भरता विशेष रूप से पूरे वर्ष निराश्रित एवं आश्रित पशुओं के पौष्टिक आहार के रूप में बेहतर विकल्प है, यह एक पौष्टिक चारा है जो कि न केवल चारे की आवश्यकता को पूर्ण करेगा बल्कि गौवंशों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। उन्होने समस्त खण्ड विकास अधिकारी व अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद की समस्त गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरा स्थापित किये गये है जिसकी निगरानी कन्ट्रोल रूम कलेक्ट्रेट में की जा रही हैं। गौशालाओं में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुचारू रूप से रहे और गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे स्थापित रहे जिससे पूर्ण रूप से निगरानी की जा सके। उन्होंने जैम पोर्टल द्वारा भूसा टेंडर की प्रक्रिया, गौ आश्रय स्थलों पर भूसा/अन्य स्टाॅक, भूसादान की विकास खण्डवार गहन समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि गौवंशों का शत प्रतिशत टीकाकरण कराया जाये और जो गौवंश बीमार है उनका समुचित उपचार किया जाये। उन्होने कहा कि गौआश्रय स्थलों पर वर्षा से पूर्व जल भराव व कीचड़ की समस्या न होने पाये इसके लिये बेहतर प्रबन्ध किये जाये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निर्मल कुमार आदि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।