– माता पिता और अध्यापक से बढ़कर हितकारी कोई नहीं हो सकता : गिरीश कुमार गुप्ता जालौन। सही दिशा का ज्ञान अध्यापक और माता पिता देते हैं। माता पिता और अध्यापक से बढक़र हितकारी कोई नहीं हो सकता इसलिए उनसे किसी गलती को मत छुपाओ। सफलता प्राप्त करने पर इनको न भूलें बल्कि हर जगह इनका सम्मान करें। यह बात स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज में मेधावी छात्र अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष गिरीश कुमार गुप्ता ने कही। इस दौरान हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के मेधावी छात्रों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के मेधावी छात्रों का सम्मान समारोह पीयूष विवेक महंत की अध्यक्षता एवं पालिकाध्यक्ष गिरीश कुमार गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत सोशल डिस्टेंस के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान डा. नितिन मित्तल ने कहा कि आठवीं से लेकर ग्रेजुएशन तक की आयु किशोरावस्था मानी जाती है और इस अवस्था में शरीर में परिवर्तन व हार्मोंस में बदलाव तेज होता है। इस अवधि में किशोर दिमाग से अधिक भावना में निर्णय लेता है। इस उम्र में दिल से लिया गया निर्णय घातक होता है जबकि दिमाग से लिया फैसला सही दिशा देता है इसलिए हमेशा सोच विचार कर ही कोई कार्य करें। दूसरों को सम्मान देना सीखें तो आपको भी सम्मान मिलेगा।
रिटायर्ड बैंक प्रबंधक शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि हर सफलता में और अच्छी सफलता प्राप्त करने की गुंजाइश छिपी होती है। जो सफलता मिली है उसे संजोकर रखें लेकिन इसमें और अच्छा कर गुजरने की गुंजाइश तलाशनी चाहिए। मुख्य अतिथि गिरीश कुमार गुप्ता ने कहा कि सही दिशा का ज्ञान अध्यापक और माता पिता देते हैं। माता पिता और अध्यापक से बढक़र हितकारी कोई नहीं हो सकता इसलिए उनसे किसी गलती को मत छुपाओ। सफलता प्राप्त करने पर इनको न भूलें बल्कि हर जबह इनका सम्मान करें।
अध्यक्षता करते हुए पीयूष विवेक महंत ने कहा कि माता पिता और गुरु का हमेशा सम्मान करना चाहिए। जिसे सफलता अपने परिश्रम से मिली है उसके लिए खुशी की बात होनी चाहिए लेकिन कभी किन्हीं कारणों से असफलता मिलती है तो हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। ध्यान रहे सफलता मिलने पर अपने अंदर अहंकार न पनपने दें। आनंदी बाई हर्षे बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या सुनीता शर्मा ने मेधावियों के परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। वे असंभव को संभव बनाने में माहिर हैं। जीवन में इसी तरह कठिन परिश्रम करते रहें और असफलताएं आने पर कभी निराश न हों।
प्रधानाचार्य मोहन तिवारी ने कहा कि मेधावियों को जो सफलता मिली है उसके लिए उन्हें बधाई। किसी को अगर लगता है कि वह और अच्छा कर सकता था लेकिन नहीं कर पाया तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। एेसे युवाओं को आगे सोचना चाहिए कि और अच्छी छलांग कैसे लगा सकते हैं। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दीजिए। उन्होंने बच्चों को जीवन में सफलता पाने के गुण बताए। अंत में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के टाप टेन छात्रों को शील्ड देकर उनका सम्मान किया गया। इस मौके पर प्रबंधक अतुल हर्षे, संध्या हर्षे, शशिकंात द्विवेदी, सतीश सिंह सेंगर, प्रधानाचार्य मोहन तिवारी समेत मेधावी छात्र व उनके अभिभावक मौजूद रहे।