जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता शिविर का किया गया आयोजन

उरई। आज माननीय जनपद न्यायाधीश श्री अशोक कुमार सिंह के निर्देशन में जिला कारागार उरई में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उपस्थित सिद्धदोष एवं विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियां प्रदान की गयी। इस शिविर के सम्पन्न होने के पश्चात् सचिव श्रीमती रेनू यादव ने कारागार की विभिन्न बैरकों, अस्पताल, और वहां संचालित लीगल एड क्लीनिक एवं लाईब्रेरी का भी निरीक्षण कर कारागार प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिये।
विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुये सचिव श्रीमती रेनू यादव ने कोविड-19 से बचाव और शासन द्वारा संचालित तत्संबंधी कार्यक्रमों के बारे में बिस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशन में उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 पर एक ई-पुस्तक तैयार की गयी है, जो सालसा की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसमें तथ्यपरक समुचित जानकारी दी गयी है जिसे कोई भी व्यक्ति इण्टरनेट, लैपटाॅप, एण्ड्राॅइड फोन पर देख सकता है और इसका लाभ उठा सकता है। उन्होंने उपस्थित बन्दियों से वैक्सीनेशन के बारे में पूंछतांछ की और सभी को समझाया कि कोविड महामारी को वैक्सीन से ही नियंत्रित किया जा सकता है।
सचिव श्रीमती यादव ने इस मौके पर बन्दियों को प्ली-वार्गेनिंग स्कीम, समयपूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के सम्बन्ध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई विचाराधीन बन्दी अधिकतम 07 वर्ष तक की सजा के मामलों में विचाराधीन है, तो जिन्होंने सजा के तौर पर कुछ अवधि जेल में बिता ली हो, वह पीडि़त पक्ष से समझौता कर उसे उचित मुवायजा देकर अपनी सजा न्यायालय से कम करा सकते है, लेकिन इस योजना का लाभ उनको नहीं मिलेगा जिन्होंने देश के विरूद्ध, महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अथवा आर्थिक अपराध किया हो।
शिविर में जेल चिकित्सक डा0 राहुल बर्मन ने बताया कि नये आ रहे बन्दियों को छोड़कर पुराने सभी बन्दियों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है और क्रमानुसार द्वितीय डोज भी दी जा रही है। नये बन्दियों की सूची जिला स्वास्थ्य विभाग को प्रेषित कर दी जाती है जहां से टीम आकर टीका लगाती है। शिविर में कारापाल श्री सुनीत कुमार ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के उपरान्त विचाराधीन बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहुंचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव ने जिला कारागार उरई की सभी बैरिकों का निरीक्षण किया और वहां निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों से वार्ता की तथा उनकी समस्याओं को सुनते हुये सम्बंन्धित को आवश्यक निर्देश भी दिये।
इसी क्रम में उन्होने वहां लीगल एड क्लीनिक एवं लाईब्रेरी का भी निरीक्षण तथा पुस्तक वितरण की व्यवस्था को देखा। पुस्तकालय प्रभारी ने बताया कि वर्तमान में यहां 1477 पुस्तकें व 250 पत्रिकायें उपलब्ध हैं। इनमें से प्रतिदिन औसतन 30-35 पुस्तकें बन्दियों द्वारा अध्ययन के लिये निर्गत करायी जाती है। उन्होंने जेल अस्पताल की ओपीडी को भी देखा और जेेल चिकित्सक को आवश्यक निर्देश दिये।
इस अवसर पर तहसील विधिक सेवा समिति उरई के नायब तहसीलदार चन्द्रकान्त, उपकारापाल श्रीमती हौशिला देवी समाज कल्याण अधीक्षक देवेन्द्र त्रिवेदी पीएलवी टीम लीडर धर्मेन्द्र कुमार, करन सिंह यादव, महेश परिहार, महेन्द्र मिश्रा, योगेन्द्र तखेले, रामनारायण शिवहरे, प्रतापभान, अनुज कुमार, बृजेन्द्र सिंह समेत सिद्धदोष एवं विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे।