किसी के लिए वरदान तो किसी के लिए अभिशाप बनने वाली है 13 मई की तारीख
हार जीत को लेकर सट्टेबाजी का बाजार भी है गर्म

कोंच (पीडी रिछारिया) निकाय चुनाव के लिए 4 मई को हुए मतदान के बाद पिछले सप्ताह भर से स्ट्रांग रूम में रखीं मतपेटियां भी बेसब्री से 13 मई का इंतजार कर रही हैं ताकि उनमें बंद प्रत्याशियों का भविष्य सबके सामने आ सके। मतगणना की जारी उल्टी गिनती के बीच केवल 12 मई की रात का फासला बचा है, ऐसे में सीने में धाड़धाड़ बजते दिल को थामे सभी प्रत्याशी शनिवार की सुबह का बड़ी बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। कोंच नगरपालिका के इतिहास में 13 मई की तारीख 136 प्रत्याशियों के लिए अभिशाप और 26 के लिए वरदान बनने वाली है। हार जीत पर सट्टा भी खूब लग रहा है।
12 तारीख के आखिरी 12 घंटे निकाय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए 12 महीनों की तरह गुजर रहे हैं। कोंच नगरपालिका परिषद के चुनाव के लिए गुजरी 4 मई को कस्बे के 158 बूथों पर वोट डाले गए थे। अध्यक्ष पद के 8 और 25 वार्डों में सभासद पद पर चुनाव लड़ रहे 154 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद शालिगराम पाठक इंटर कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखा 13 मई का इंतजार कर रहा है। इनमें से केवल 26 प्रत्याशियों के सिर जीत का सेहरा बंधना है, बाकी 136 प्रत्याशियों के लिए तो यह तारीख सिर धुनने वाली ही साबित होने वाली है।
बहरहाल, सभी प्रत्याशियों के सीनों में धाड़धाड़ बजते दिलों की धड़कन साफ सुनाई दे रही है और 12 की रात कटनी उनके लिए युग के समान गुजर रही है। इधर, अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर न केवल सस्पेंस बरकरार है बल्कि बड़े पैमाने पर सट्टे का बाजार भी गर्म है। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि हार जीत की आंकड़े बाजी यहां दलीय आधार पर नहीं बल्कि जातीय आधार पर हो रही है लेकिन एक बात जरूर कॉमन है, मुस्लिम वोटों को लेकर सारे लोग एकमत हैं कि जिसके पक्ष में मुस्लिम वोटों का प्रतिशत अधिक होगा वही प्रत्याशी जीत के ज्यादा करीब होगा।
नतीजों से बेपरवाह बाबूजी फिर जुट गए बेजुबानों की चाकरी में –
नगरपालिका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश गुप्ता उर्फ़ बाबू जी चुनाव नतीजों की चिंता किए बगैर एक बार फिर अपने पुराने मिशन बेजुबानों की चाकरी में जुट गए हैं। करीब आठ दस कुंतल हरी सब्जियां रोज ही किसी न किसी गौशाला में भेजी जा रही हैं ताकि वहां संरक्षित मवेशियों की उदरपूर्ति में सकारात्मक सहयोग हो सके।
बता दें कि एसएन गुप्ता पब्लिक स्कूल के संरक्षक सुरेश गुप्ता बाबूजी ने करीब डेढ़ साल पहले बेजुबानों का पेट भरने का संकल्प लिया था जिसके तहत उन्होंने बंदरों और पक्षियों के लिए फल सब्जियां और दाना खिलाना शुरू किया था। बाद में उन्होंने गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों के लिए भी हरी सब्जियां भेजना शुरू कर दिया जो अभी भी जारी है। इसी बीच लगे हाथ वे पालिकाध्यक्ष पद पर चुनाव भी लड़ बैठे। 13 मई को आने वाले नतीजों से बेपरवाह बाबूजी अपने मिशन बेजुबानों की उदरपूर्ति में जुट गए हैं।