जिले में पांच पूर्व विधायक और दो निवर्तमान विधायक चुनावी मैदान में आमने-सामने

उरई (जालौन) विधानसभा चुनाव के अखाड़े में जिले में पांच पूर्व विधायक और दो निवर्तमान विधायक मुकाबले में डटे हुए हैं। कई जगह ऐसे उम्मीदवार आमने सामने हैं। अब देखना यह है कि इनमें से कितनो को फिर से चुने जाने की हसरत पूरी करने का मौका मिलता है। उरई सुरक्षित सदर क्षेत्र में निवर्तमान विधायक गौरी शंकर वर्मा और पूर्व विधायक दयाशंकर वर्मा के बीच एक बार फिर जंग होने जा रही है। गत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने दयाशंकर वर्मा को मैदान से हटाकर नये चेहरे के बतौर महेन्द्र कठेरिया को अवसर दिया था। लेकिन मोदी लहर में वे अपने पैर नहीं जमा सके। भाजपा के गौरी शंकर वर्मा सबसे आगे रहकर चुनाव मैदान फतेह कर ले गये। इसके पहले 2012 के चुनाव में भी गौरी शंकर वर्मा और दयाशंकर वर्मा के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें कामयाबी दयाशंकर वर्मा को मिली थी जबकि गौरी शंकर वर्मा को तीसरे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा था।
कालपी विधानसभा क्षेत्र में निवर्तमान विधायक नरेन्द्र पाल सिंह जादौन इस बार मैदान में नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी भाजपा ने यह सीट अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के हवाले कर दी है जिसने हाल ही में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान पर दाव लगाया है लेकिन छोटे सिंह चौहान को भाजपा के कमल निशान की बजाय निषाद पार्टी के भरी थाली निशान पर संघर्ष करना पड़ेगा। उनके अलावा इस क्षेत्र में दो और पूर्व विधायक मैदान में हैं जिनमें उमाकांती सिंह एक बार इसी क्षेत्र से पहले भी 2012 में कांग्रेस के ही टिकट पर विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं लेकिन 2017 में उनको भाजपा उम्मीदवार के मुकाबले पराजय का मुंह देखना पड़ा था। क्षेत्र में दूसरे पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी मैदान में हैं जो इसके पहले 2007 में उरई सीट से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हो चुके हैं। कांग्रेस के ही टिकट पर उरई सदर क्षेत्र के सुरक्षित घोषित हो जाने के बाद उन्होंने माधौगढ़ क्षेत्र से आजमाइश की थी पर उनको कामयाबी नहीं मिल पायी थी। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे दिया था और अब वे समाजवादी पार्टी से यहां उम्मीदवार हैं। निवर्तमान दूसरे विधायक मूलचन्द्र निरंजन हैं जो भाजपा से ही फिर माधौगढ़ क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। उनके मुकाबले बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से उम्मीदवारी कर रहे प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।