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राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जीआईसी के सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

उरई (जालौन) राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज (जीआईसी) के सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल ने कहा कि समस्त जागरूकता कार्यक्रम विद्यालयों के बिना अधूरे हैं। इसलिए शिक्षकों द्वारा तम्बाकू निषेध जैसे मुद्दों पर जागरूकता लाने में योगदान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। तंबाकू का सेवन व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार पर भी बुरा प्रभाव डालता है। विद्यालय परिसर में शिक्षकों एवं अन्य व्यक्तियों के तंबाकू उत्पादों के सेवन पर पूरी तरह रोक होनी चाहिए। सभी विद्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित करना चाहिए।

यूपी हेल्थ वालेंटियर एसोसिएशन (एचवीए) के क्षेत्रीय समन्वयक पुनीत श्रीवास्तव ने कहा कि तंबाकू मुक्त परिसर का हर स्कूल के बाहर बोर्ड लगा होना चाहिए। परिसर के अन्दर तम्बाकू उत्पादों के उपयोग पर कड़ी पाबंदी लगी होनी चाहिए। स्कूलों की दीवारों पर तंबाकू और नशे के सेवन के दुष्प्रभावों के बोर्ड एवं चित्रलेखन होने चाहिए। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जिला सलाहकार तृप्ति यादव ने कहा कि तंबाकू उत्पादों के सेवन करने वालों में किशोरों की संख्या बढ़ रही है। इसे रोकने की जरूरत है। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग भी तंबाकू छोडऩा चाहते है, वह जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान जीआईसी के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र वर्मा, कुलदीप गुप्ता, तंबाकू नियंत्रण केंद्र के सलाहकार महेश कुमार ने तंबाकू के दुष्प्रभाव बताकर मौजूद लोगों को तंबाकू के सेवन न करने और जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाई। इस दौरान अर्चना श्रीवास्तव, साधना चौबे, आकांक्षा सिंह, अनुराधा निरंजन, मीनाक्षी, माधुरी, राजकुमार सिंह यादव, अमित प्रताप सिंह, राहुल वर्मा, अनुपम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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