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जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

उरई/जालौन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज श्री महेन्द्र कुमार रावत द्वारा दिन गुरुवार 22 फ़रवरी को जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन एवं सभी बैरिकों का निरीक्षण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकारण अध्यक्ष माननीय जनपद न्यायाधीश श्री लल्लू सिंह के निर्देशन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी प्रदान की गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज श्री महेन्द्र कुमार रावत ने बताया कि जिला कारागार में निरूद्ध ऐसे  सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दी जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है किन्तु वे जमानतगीर भरवा पाने में सक्षम नहीं है, ऐसे बंदियों को 40,000/- तक की धनराशि तक की सहायता शासन द्वारा की जायेगी तथा श्री रावत ने बताया कि ऐसे सिद्धदोष बंदी जो आजीवन कारावास से दण्डित है तथा जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक हो चुकी हैं एवं उनकी दया याचिका छः माह से अधिक समय से लम्बित हैं और जो समय पूर्व रिहाई के पात्र हैं ऐसे बंदियों को वर्तमान में शासन द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत जमानतगीर भरवा कर जमानत पर रिहा कराया जा सकता है। बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इसी कार्यक्रम में सचिव श्री रावत ने बताया कि ऐसे सिद्धदोष बन्दी जिनको सजा के साथ 25,000/- तक का जुर्माने का भी आदेश हुआ है, एवं ऐसे बन्दी जो सजा पूर्ण कर चुके हैं। ऐसे बन्दियों पर लगाये गये जुर्माने के 25,000/- तक की राशि सरकार द्वारा जमा करके उन्हें रिहा कराया जायेगा। इस कार्यक्रम में असिस्टेंट लीगल एड डिफन्स काउन्सिल सिस्टम श्री अभिषेक पाठक द्वारा जेल लोक अदालतों, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम और विधिक सेवा  प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली विभिन्न कानूनी सुविधाओं के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम के उपरान्त विचाराधीन बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहुंचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री रावत ने जिला कारागार उरई की सभी बैरिकों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक नीरज देव, चिकित्साधिकारी डॉ0 राहुल वर्मन, उपकारापाल तारकेश्वर सिंह एवं अमर सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के कनिष्ठ लिपिक शुभम् शुक्ला समेत सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे।

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