जेडीसी बैंक के 39वें अध्यक्ष के रूप में आसीन हुए बृजभूषण सिंह
डिम्पल, मनोज भान, कंथरिया, डग्गू और ममता को डेलीगेट में मिला स्थान
उरई (राकेश द्विवेदी) जेडीसी बैंक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध सम्पन्न हुआ। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ‘मुन्नू’ अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिनिधि रविकांत द्विवेदी उपाध्यक्ष बन गए। दोनों ही पदों के चुनाव निर्विरोध प्रक्रिया के तहत पूरे हुए। इस दौरान पार्टी के दोनों विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा जिला कार्यकारणी के मुख्य पदाधिकारी चुनाव स्थल नहीं पहुंचे। जिलाध्यक्ष भी महज कुछ समय ही तक ही रूके और कार्यक्रम शुरु होने के पूर्व ही यहां से चले गए। उपाध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के भीतर असहमति रही।
जेडीसी बैंक परिसर में चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया सम्पन्न हुई। चुनाव के नाम पर महज औपचारिकताएँ भर रह गई थीं। किसी भी पद के लिए कोई दूसरा पर्चा नहीं भरा गया था। इससे निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता पहले से ही साफ हो चुका था। दो बजे के बाद सभी को प्रमाण पत्र बांट दिए गए। बृजभूषण सिंह 39 वें क्रम के सभापति बने। उपाध्यक्ष बनने का एक कठिन अवसर रविकांत द्विवेदी को मिल पाया।
जयकारों के बीच विजय समारोह हुआ जिसमें अरविंद गौतम,अवध शर्मा आदि ने विचार रखे। इस अवसर पर सभी संचालकों सहित डीसीडीएफ के सभापति, कौशल किशोर द्विवेदी, पूर्व विधायक संतराम सेंगर, पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन पालीवाल, अरविंद चौहान, उर्विजा दीक्षित, डॉ दिलीप सेठ, सुधीर डांगरा, रेखा वर्मा, विनोद गुर्जर, पुष्पेंद्र सेंगर,अक्षय त्रिपाठी, सुरेश गौर,अनीता वर्मा, डॉ प्रवीण जादौन, लक्ष्मण बाबानी, नागेंद्र गुप्ता, मनोज भान, डिम्पल सिंह, महेंद्र कैंथवा, डग्गू पांडेय,मनोज राजपूत, मनोज पालीवाल, महेश पांडेय, दिनेश तिवारी, विनोद अग्निहोत्री, पवन प्रताप राजावत, राघवेंद्र जादौन, अखिल जेतली, भगवानदास शुक्ला, संजीव गुर्जर, संजय हावर्ड, संजय त्रिपाठी, दिलीप श्रीवास्तव, प्रशांत तिवारी, डॉ. ब्रह्मानंद खरे, डा.अखंड प्रताप सिंह, प्रशांत तिवारी, शंभूशरण स्वर्णकार, अभय द्विवेदी, रामप्यारे तिवारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संचालन युद्धवीर सिंह कंथरिया ने किया।
पूरे समय तक वहां के वातावरण में वो गर्मजोशी नहीं दिखी, जैसी की भाजपा के कार्यक्रमों में दिखती रही। डीसीडीएफ और जेडीसी बैंक के चुनावों को लेकर भाजपा के ताकतवर लोगों में अपनी अपनी ताकत को लेकर जिस तरह से जोर आजमाइश हुई इसका एक और उदाहरण फिर से देखने को मिला। जेडीसी के चुनावों में मंत्री गुट की जीत रही और विधायक गुट की रणनीतियां कारगर नहीं हो पाईं। पाले खिंचने से दोनों विधायकों ने इस चुनाव से दूरी बना ली। जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी अपनी नाराजगी बनाये रखी। शुरुआत से ही इस चुनाव को लेकर मतभेद दिखने लगे थे।
ऐसा बना डेलीगेशन : शैलेन्द्र पांडेय डग्गू (पीसीयू), युद्धवीर सिंह (पीसीएफ), बृजभूषण मुन्नू, अभिमन्यु सिंह डिम्पल, ममता (यूपीसीवी), मनोज भान वर्मा (उ० प्र० वित्त निगम, कानपुर), आलोक दीक्षित (उ० प्र० सहकारी विक्रिपण एवं तिलहन विकास संघ, लखनऊ)।