टॉप हेडलाइंसबड़ी खबरराष्ट्रीय

जस्टिस बी.वी. नागराथन भारत की पहली महिला हो सकती हैं मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने सरकार से 9 जजों के नाम की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने पहली तीन महिला जजों के नाम की सिफारिश की है। अगर कॉलेजियम के नाम को मंजूरी मिलती है तो भारत को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिल सकती है। कॉलेजियम ने कर्नाटका हाईकोर्ट की जस्टिस बीवी नागराथन, तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी के नाम की सिफारिश की है।

जस्टिस बीवी नागराथन भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हो सकती हैं। कॉलिजियम ने वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा के नाम की भी सिफारिश की है। कॉलेजियम ने जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस सीटी रवींद्र कुमार, जस्टिस एमएम सुंदरेश के नाम की सिफारिश भी की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में 8 जजों के पद खाली हैं। अगले दो महीनों में सुप्रीम कोर्ट के दो और जज जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की कुल स्वीकृत 34 जजों में 29 फीसदी पद खाली हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में पिछले डेढ़ साल से जजों की नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में 8 और 2019 में 10 जजों की नियुक्ति हुई थी सुप्रीम कोर्ट में अभी 26 जज कार्यरत हैं, इसमें 25 पुरुष और सिर्फ एक महिला जज हैं।

वहीं अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति में हो रही देरी के लिए सीधे-सीधे मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सरकार उन जजों को नियुक्त करने में देरी कर रही है जिनका नाम हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सुझाया है। कुछ साल पहले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, टी एस ठाकुर ने भी इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाया था और कहा था कि सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति करने में देरी हो रही है। टी एस ठाकुर ने पीएम मोदी से कहा था कि यही मुख्य कारण है जो आज अदालतों में इतने केसेज पेंडिंग पड़े हैं। आपको बता दें 2016 में भी जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायालयों और सरकार के बीच विवाद हो चुका है।                    (न्यूज़ एजेंसी) 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Sorry this site disable right click
Sorry this site disable selection
Sorry this site is not allow cut.
Sorry this site is not allow copy.
Sorry this site is not allow paste.
Sorry this site is not allow to inspect element.
Sorry this site is not allow to view source.