कोंच/जालौन। पिछले ढाई महीने से बंद अदालतों के मद्देनजर पिछड़ रहे वादों की सुनवाई के मामले फिर से शुरू करने की पहल के तहत आगामी 8 जून से उपजिला मजिस्ट्रेट की अदालत में काम शुरू करने को लेकर शनिवार को एसडीएम अशोक कुमार ने अधिवक्ताओं से बातचीत की उनसे सुझाव मांगे कि किस तरह से काम को पटरी पर लाया जाए। एसडीएम और वकीलों के बीच हुई वार्ता के बाद तय हो गया कि 8 जून से कोर्ट वर्क शुरू किया जाएगा। सुबह 11 बजे से कोर्ट खुलेगी और सिर्फ चार लोग ही कोर्ट में जाएंगे जिसमें दोनों पक्षों के वकील और वादकारी होंगे। इस दौरान बारसंघ अध्यक्ष नवल किशोर जाटव, महामंत्री रामलखन कुशवाहा, मोहम्मद अफजाल खान, राकेश तिवारी, तेजराम जाटव, हल्के सिंह बघेल, एपी यादव आदि मौजूद रहे।
तहसील के बजाए गांव में उपलब्ध कराई जाए राहत सामग्री :-
बारसंघ के महामंत्री रामलखन कुशवाहा ने एसडीएम को एक सुझाव पत्र दिया जिसमें बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों को राहत सामग्री का वितरण तहसील से करने के बजाए गांव के कोटेदार के माध्यम से उपलब्ध कराने की बात कही गई है। बार महामंत्री का तर्क है कि सामग्री के लिए प्रवासी श्रमिक बड़ी तादाद में तहसील में घूमते नजर आते हैं जिससे जाने अनजाने एक दूसरे के संपर्क में आते रहते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं होता है जिससे कोविड-19 संक्रमण का खतरा हो सकता है। अत: ऐहतियात के तौर पर जरूरी है कि इन श्रमिकों को तहसील आने से रोका जाए जिसका एकमात्र उपाय यही है कि उन्हें दी जाने बाली सामग्री उनके गांवों में ही उपलब्ध करा दी जाए।