कोंच/जालौन।पहले कोरोना काल का हवाला देकर गाड़ियां बंद करने और अब आरक्षित टिकटों की कम बिक्री होने का लांछन लगा कर साबरमती एक्सप्रेस का ठहराव एट जंक्शन पर खत्म करने के रेल प्रशासन के जारी फरमान से इलाकाई लोग खासे गुस्से में हैं और इसे सरकार का नादिरशाही रवैया बता रहे हैं। एट रेलवे स्टेशन पर साबरमती का ठहराव खत्म होने से कोंच नगर, नदीगांव टाउन एरिया और एट टाउन एरिया समेत पूरे इलाके की तकरीबन पांच लाख आबादी की यातायात सुविधा बुरी तरह प्रभावित होगी। रेल प्रशासन ने झांसी मंडल के भीमसेन, लालपुर, पुखरायां, मोंठ, चिरगांव, बबीना, धौर्रा, जाखलौन व एट रेलवेे स्टेेशनों पर साबरमती का ठहराव अगले आदेशों तक बंद करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि रेल प्रशासन ने मंडल के नौ रेलवे स्टेशनों पर साबरमती एक्सप्रेस का ठहराव खत्म करने का फैसला लिया है जिसमें एट जंक्शन भी शामिल है। एट जंक्शन पर ज्यादातर यात्री कोंच नगर के साथ साथ नदीगांव नगर पंचायत और पूरे कोंच तहसील क्षेत्र के अलावा एट नगर पंचायत और इसके आसपास लगते इलाके की तकरीबन पांच लाख आबादी अपने गंतव्य की गाडिय़ां पकड़ती है। रेल प्रशासन का यह फैसला इस पूरी आबादी की रेल यातायात सुविधा को प्रभावित करने बाला है जिन्हें दूरस्थ क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए एट स्टेशन से गाडिय़ां पकडऩी होती हैं। कोरोना काल में तमाम गाडिय़ां बंद कर दी गई थी जिससे यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था और अभी भी करना पड़ रहा है। कोंच-एट शटल ट्रेन भी पिछले दस महीने से बंद पड़ी है और यहां की आरक्षण खिड़की को भी बंद कर दिया गया था जिससे लोगों को भारी दिक्कत है। ऐसे में यात्री किन्हीं अन्य साधनों से एट पहुंच कर ट्रेन पकड़ कर अपनी यात्रा कर रहे थे उनके लिए साबरमती एक्सप्रेस के एट स्टेशन पर ठहराव को खत्म करने से बड़ा झटका लगा है। इलाकाई लोग इन घटती रेल सुविधाओं को लेकर आक्रोशित हैं और जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं।