फर्जी मुकदमों को लेकर पत्रकारों ने एसपी को दिया ज्ञापन

उरई। बीते कुछ समय से पत्रकारों के ऊपर फर्जी मुकदमे लगाकर उनका शोषण किया जा रहा है। तथ्य परक खबरें प्रकाशित करने के चलते द्वेष वश लगातार मुकदमे दर्ज होने के चलते पत्रकारों में खासा रोष है। तीन महीने में ही आधा दर्जन पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज होने से पत्रकारों का आक्रोश भड़क उठा जिसके चलते आज उन्होंने अपनी पीड़ा पुलिस अधीक्षक को बताई और कहा कि जब भी पत्रकारों मुकदमा दर्ज किया जाए तो मामले की जांच किसी सीओ स्तर के अधिकारी से कराई जाए। साथ ही पुलिस के आलाधिकारियों के साथ पत्रकारों की एक बैठक दो महीने में कराई जाए जिससे पत्रकार अपनी पीड़ा को पुलिस अधिकारियों को बता सकें।
शासन प्रशासन की लाभकारी योजनाएं पुलिस प्रशासन की उपलब्धियां तथा भ्रष्टाचार की ख़बरें प्रकाशित करने पर माफ़िया तंत्र, तमाम विरोधी, अराजकतत्व विद्वेष भावना रखकर और षड्यंत्र के तहत जानलेवा हमला, धमकी तथा सोची समझी रणनीति के तहत पुलिस को अपने पक्ष में कर लेने के बाद रिपोर्ट दर्ज करवा रहे हैं। तथ्य विहीन रिपोर्ट दर्ज कराने पर पत्रकारों का मनोबल गिर रहा है। साथ ही उनका मानसिक उत्पीड़न भी होता है। पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह को अवगत कराते हुए पत्रकारों ने बताया कि बीते कुछ माह से पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध होने वाली फर्जी मुकदमों की जांच पुलिस के किसी उच्चाधिकारी से कराई जाए। तदुपरांत ही अगर वह दोषी है तभी उस पर आगे कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा ने कहा कि न्यामतपुर में एक पत्रकार की पिटाई के मामले में भी दबंग के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही उपजा के जिलाध्यक्ष अरविंद द्विवेदी के ऊपर हुए जानलेवा हमले में भी पुलिस की हीला हवाली नजर आ रही है। उपजा के महामंत्री मनोज राजा ने कहा कि हाल ही में कालपी के ग्राम मगरौल में एक युवक द्वारा खुद को गोली मारने के मामले में एक पत्रकार व उनके भाइयों पर पुलिस ने बिना किसी जांच पड़ताल के मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराकर मुकदमा स्पंज किया जाए तथा फर्जी मुकदमा दर्ज कर पुलिस को गुमराह करने वालों पर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया जाए। पत्रकारों ने कुठौंद, रामपुरा और जालौन में भी पत्रकारों के ऊपर हुए फर्जी मामलों की बात पुलिस अधीक्षक से कही। पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि किसी भी पत्रकार का बे वजह उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सर्वप्रथम कराई जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान गंगाराम चौरसिया, हरिश्चंद्र दीक्षित, रामआसरे त्रिवेदी, अजय सहारा, मुवीन खान, विनय गुप्ता, संजय गुप्ता, ज्ञानेंद्र मिश्रा, आशीष, प्रदीप, विकास गुप्ता, ओम प्रकाश, शानू सहारा सहित कई पत्रकार मौजूद रहे।