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कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयास : डीपीओ

उरई/जालौन। बच्चों को कुपोषण की जद से निकाल कर सुपोषित बनाने के लिए शासन व प्रशासन स्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत एक जुलाई से दो अक्टूबर तक जनपद में संभव पोषण संवर्धन अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत सैम (तीव्र गंभीर अतिकुपोषित), मैम (मध्यम गंभीर कुपोषित) तथा अल्प वजन वाले बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) जालौन इफ्तेखार अहमद ने दी।

डीपीओ ने बताया – वर्तमान में चल रहे वजन सप्ताह के दौरान जिले के प्रत्येक अंगनबाड़ी केंद्रों पर छह साल तक के बच्चों का वजन लिया जा रहा है। इससे कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उसके स्वास्थ्य में सुधार लाया जाएगा| उन्होंने बतायाकि बच्चों का आंकड़ा भी एकत्र किया जा रहा है। अभियान में शिथिलता को रोकने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण कर वहां संचालित वजन कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है। प्रत्येक केंद्र पर बच्चों के चिन्हांकन कार्य के बाद कुपोषण की रोकथाम के लिए संभव पोषण संवर्धन के नाम से एक अभियान एक जुलाई से चलाया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया एक जुलाई से शुरू हुए अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रम गृह भ्रमण,स्वास्थ्य जांच, चिकित्सकीय उपचार, पोषण परामर्श,व्यक्तिगत स्वच्छता आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अभियान को सफल बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, ग्राम्य विकास एवं आयुष विभाग को शामिल किया गया है।

बेहतर काम करने पर मिलेगा पुरस्कार –
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि तीन माह तक चलने वाले अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम, मैम एवं अल्प वजन बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है। इसमें बेहतर कार्य करने वाले जिले के तीन आंगनबाड़ी केंद्रों की तीन मुख्य सेविकाओं तथा तीन बाल विकास परियोजना अधिकारियों को चयनित कर शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया गत वर्ष भी संभव पोषण संवर्धन अभियान चलाया गया था। जिसके परिणाम सकारात्मक आए हैं।

जिले की स्थिति –
डीपीओ ने बताया – जनपद में शून्य से छह साल तक के सैम, मैम व अल्प वजन के बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। जनपद में शून्य से छहसाल तक के बच्चों की वर्तमान में संख्या 1,45,460 है, जिनमें लाल श्रेणी में 1813, पीले श्रेणी में 8766, सैम 231 और मैम 435 बच्चे शामिल हैं। जिले में 1815 आंगनवाड़ी केंद्र है।

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