छठवें दिवस की कथा में रुक्मिणी हरण के साथ द्वारिकाधीश के विवाहों की सुनाई कथा

कोंच (जालौन)। यहां लौना गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति और आनंद की बरसात हो रही है। कथा सप्ताह के छठवें दिवस कथा प्रवक्ता पं. नंदकिशोर तिवारी वृंदावन धाम ने भगवान की मनोहारी कथाएं सुना कर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने गोवर्धन धारण लीला तथा रुक्मिणी हरण के साथ साथ द्वारिकाधीश के विवाहों की आनंददायी कथाएं भी सुनाई।
समीपस्थ ग्राम लौना में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के छठवें दिवस की कथा के दौरान शनिवार को कथा व्यास ने भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने महारास, राक्षसों के संहार आदि की कथाओं के साथ गोवर्धन धारण लीला का बड़ा ही रोचक वर्णन करते हुए कहा कि ब्रजवासी इंद्र की पूजा की तैयारियां कर रहे थे तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गोवर्धन पूजा करने के लिये प्रेरित किया और कुपित होकर इंद्र ने प्रलयंकारी बर्षा कर ब्रज वासियों को दंडित करने की ठान ली, किंतु कृष्ण ने अंगुली पर गोवर्धन धारण कर ब्रज की रक्षा की। गोवर्धन पूजा के पीछे उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रकृति से हमें अपने दैनंदिन उपभोग की वस्तुएं मिलती हैं इसलिये हमें प्रकृति की ही पूजा करनी चाहिए। कथा व्यास ने रुक्मिणी हरण सहित द्वारिकाधीश के विवाहों की बड़ी ही रोचक और आनंददायी कथाएं सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा के अंत में परीक्षित रामकिशोर याज्ञिक ने भागवत जी की आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया गया।