लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित हुई छात्रा खुशबू पाल
अरविंद माधुरी तिवारी महाविद्यालय में स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जयंती का किया गया आयोजन

उरई/जालौन। गायन में हिमालय जैसी ऊंचाई बनाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जयंती पर अरविंद माधुरी तिवारी महाविद्यालय में समारोह आयेजित हुआ। इस अवसर पर लता के नाम से घोषित ‘लता मंगेशकर पुरस्कार’ से बीएससी छात्रा खुशबू पाल को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कालपी कॉलेज कालपी की प्रोफेसर डॉ. मधु प्रभा तिवारी ने कहा कि विद्यार्थी वर्ग को कठिन मेहनत से कभी नहीं घबराना चाहिए। यह मेहनत ही उन्हें लक्ष्य की ओर ले जाएगी। जो मेहनत से डर गया, वह अपनी मंजिल को कभी नहीं पा सकता। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर का जीवन विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता पाने का सबसे अच्छा उदाहरण है।
प्रमुख अतिथि मुस्कान इंस्टीट्यूट की संस्थापक प्रभा शुक्ला ने परिश्रम और धैर्य का महत्व बताया। कहा कि लता के जीवन में यदि धैर्य न होता तो वे अपनी उम्मीदों को कभी पूरा न कर पातीं। प्रबंधक नम्रता तिवारी दीक्षित ने कहा कि सफलता के पीछे अनुशासन और समर्पण की ही मुख्य भूमिका होती है। विद्यार्थी सिर्फ अपने प्रयास पर ध्यान केंद्रित रखे, परिणाम की चिंता न करे।
मुख्य वक्ता अरविंद गौतम चच्चू ने पुरस्कार जीतने वाली छात्रा को बधाई देकर कहा कि यह पुरस्कार अन्य बच्चों को भी प्रेरित करेगा। इतिहास गवाह है सफलता के पीछे सिर्फ कठिन मेहनत का ही योगदान रहा है। प्राचार्य डॉ. राकेश द्विवेदी ने कहा कि लता ने अपने परिवार के लिए जो त्याग और समर्पण किया, ऐसा हर कोई नहीं कर पाता। उन्होंने कठिन परिश्रम से चुनौतियों को हराया।
इस अवसर पर बीएससी छात्रा खुशबू पाल को माला पहनाकर नगद धनराशि और प्रमाणपत्र के साथ अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ समारोह की शुरुआत हुई। रेनुका, सोनल पचौरी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन छात्रा रोशनी सिंह ने किया। डॉ० शैलेन्द्र पाठक, विमल सिंह, श्वेता शर्मा, छाया सिंह, रामू, केके अग्रवाल, खुशबू, मुस्कान, पायल, सोनाली, दिव्या, संध्या, कौशकी आदि की उपस्थिति रही।
पुरस्कार जीतने वाली पहली छात्रा बनी खुशबू –
लता मंगेशकर पुरस्कार की घोषणा कॉलेज ने लता के निधन पर हुई श्रद्धान्जलि सभा में हुई थी। पुरस्कार जीतने वाली बीएससी छात्रा खुशबू पाल पहली विजेता बनी। पुरस्कार के लिए कुछ मानदंड निश्चित किये गये हैं। जिसके तहत विद्यार्थी का नियमित पाठन, अनुशासन और विनम्रता पूर्ण शैली मुख्य बिंदु हैं।