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जब टूटा हुआ अक्षत भगवान पर नहीं चढ़ता तो टूटा हुआ मन भगवान को कैसे अर्पित हो सकता : ऋतंभरा

साध्वी निरंजन ज्योति व प्रभारी मंत्री धर्मवीर पहुंचे चांदनी

कोंच (पीडी रिछारिया) कोंच क्षेत्र के चांदनी धाम में श्रीविष्णु महायज्ञ एवं राधा कृष्ण की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों के तहत आयोजित की जा रही श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस रविवार को कथा व्यास वात्सल्यमूर्ति दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा ने श्रद्धालुओं के अपार जनसमूह को कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि “जब टूटा हुआ अक्षत भगवान पर नहीं चढ़ता है तो टूटा हुआ मन भगवान को कैसे अर्पित हो सकता है। बिखरे हुए मन से कथा सुनने का कोई अर्थ नहीं है। जैसे भगवान की पूजा में चावल का अक्षत होना जरूरी है, वैसे ही यहाँ कथा में चित्त का अक्षत होना जरूरी है। दोहरे मन की कोई साझेदारी कथा में चल नहीं सकती है। यहाँ पर अपने मन, बुद्धि और चित्त को समाहित करना होगा।

कथा सुनते समय यह मत सोचना कि अभी योग्यता नहीं है। वह कोई और है जो नर्मदा के वेगवान धारों की चोटों को सहकर कंकर से शंकर बन गया। वो तो गंगा या नर्मदा की पावन गोद में था इसीलिए लहरों के थपेड़े खाते हुए शंकर बनकर अरघे पर विराजमान हो गया। ये मत सोचना कि हम तो बिखरे हुए हैं, कदाचित हमारे अंदर वो सामर्थ्य नहीं है लेकिन स्मरण रखिएगा कि क्या हुआ अगर वो अरघे पर बैठ नहीं पाया है लेकिन अरघा बनकर शंकर के काम वही आया है। भक्तों का सैलाब उमड़ जब शंकर तक जाता है तो सीढ़ी का पत्थर बनकर कंकड़ ही तो ले जाता है।

कथा पंडाल में उपस्थित जनसमुदाय को मार्गदर्शित करते हुए दीदी माँ ने कहा कि अपनी सामर्थ्य पर कभी संदेह मत करना। अपनी शक्ति पर कभी संदेह मत करना। अपने आप पर कभी संशय नहीं करना। आप जो हो और जैसे हो, प्रभु के चरणों में समर्पित होने की तैयारी करो। मेरा सनातन अर्पण, समर्पण और तर्पण की कथा कहता है। इसीलिए अभी आप समर्पित हों प्रभु के चरणों में। अभी आपने स्वयं को नियोजित किया है महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद महाराज की योजनाओं में। आप भाग्यशाली हो कि सन्त आपका सदुपयोग कर रहे हैं और चांदनी “चांदनी धाम” बन गया है।” संतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब श्रीराधा और कृष्ण के विग्रह नवनिर्मित मंदिर में प्राणप्रतिष्ठित होंगे तो वृंदावन स्वयं चलकर यहां चांदनी में आ जाने वाला है।

11 कुंडीय “श्री विष्णु महायज्ञ” की वेदी से उठता हुआ सुरभित धूम्र इस व्यास पीठ को धन्य कर रहा है। मेरे गुरुभाई स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज का प्रेम ही कुछ ऐसा है कि उनके एक अनुग्रह पर उनके द्वारा आयोजित किसी भी अनुष्ठान में संत महापुरुष ऐसे दौड़े चले आते हैं जैसे पिन्हाई हुई गौमाता के लिए उसका बछड़ा दौड़ा चला आता हो। जब सन्तों का सानिध्य और महापुरुषों का संग हो तो फिर निराशा और उदासी कैसी। फिर तो चारों दिशाओं में उमंग और उल्लास तैरता है। जब कभी भी आपके चित्त में नैराश्य भाव आए, जब मन को उदासी घेर ले तो उसका कान पकड़कर ले जाओ उसे भगवान की शरण में, सन्तों के सत्संग में।

एक सच्चे भक्त के लिए भगवान की महिमा का महत्त्व समझाते हुए दीदी माँ ने कहा कि महाभारत युद्ध के आरंभ से पहले भगवान से भेंट करने पहुँचे अर्जुन से श्रीकृष्ण ने पूछा हे पार्थ, तुम्हारे यहाँ आने का प्रयोजन क्या है। अर्जुन ने हाथ जोड़कर कहा कि हे प्रभु, हम आपकी आज्ञा से युद्धधर्म में प्रवत्त हुए हैं और इस युद्ध में हमें आपकी सहायता चाहिए। श्रीकृष्ण ने कहा माँगो अर्जुन क्या चाहिए तुम्हें। एक ओर मैं निःशस्त्र कृष्ण तथा दूसरी ओर मेरी नारायणी सेना। क्या तुम्हें मेरी चतुरंगिणी सेना चाहिए। तुम खुद ही चयन कर लो। ये सुनना था कि अर्जुन की आँखों में रोष के डोरे उतर आए। जो प्रिय होता है ना उसके अनपेक्षित वचन सुनकर रोष आता है। अर्जुन ने कहा क्या बात करते हो आप, मैं चतुरंगिणी सेना और आपके बीच चयन कैसे कर सकता हूं। हे नाथ, एक ओर त्रिलोक का राजपाट होगा तथा दूसरी ओर आपके चरणों की शरण होगी तो मैं त्रिलोकों का राज ठुकराकर आपके चरणों की रज स्वीकार करूँगा। अंत में विधायक व महायज्ञ के संयोजक मूलचंद्र निरंजन सहित कथा परीक्षत रचना-गौरी चबोर ने भागवतजी की आरती उतारी, तदुपरांत प्रसाद वितरित किया गया।

कड़ी धूप में नंगे पैर यज्ञ वेदी की लगा रहे हैं परिक्रमा –
चाँदनी धाम में चल रहे 11 कुंडीय श्रीविष्णु महायज्ञ में सम्मिलित होने वाले हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरुष भक्तगण कड़ी धूप में नंगे पैर यज्ञ वेदी की पूरी भक्ति भाव के साथ परिक्रमा कर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक महायज्ञ आयोजन में भक्तगण पुष्प अक्षत सहित दान दक्षिणा अर्पित कर पुण्य लाभ ग्रहण कर रहे हैं।

साध्वी निरंजन ज्योति व प्रभारी मंत्री धर्मवीर पहुंचे चांदनी –
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और जिले के प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति रविवार शाम को ग्राम चांदनी में आयोजित श्री बिष्णु महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में पहुंचे जहां उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य संयोजक चारधाम उज्जैन के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी जी महाराज तथा कथा प्रवाचिका अंतरराष्ट्रीय संत साध्वी ऋतंभरा का आशीर्वाद लिया और कथा श्रवण की।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के अलावा जिले के प्रभारी मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति के ग्राम चांदनी पहुंचने पर यज्ञ और कथा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की संयोजन समिति के लोगों ने उनका स्वागत किया। मंत्री द्वय ने यज्ञ भगवान के दर्शन किए और महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी जी महाराज तथा कथा प्रवाचिका अंतरराष्ट्रीय संत साध्वी ऋतंभरा का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने थोड़ी देर कथा श्रवण का भी आनंद लिया। इस अवसर पर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, धर्म का आश्रय लेकर जीव मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। माया मोह में लिप्त प्राणिमात्र को परमात्मा के स्मरण के लिए समय अवश्य ही निकालना चाहिए क्योंकि भौतिकता की अंधी दौड़ में मनुष्य अपनी शांति को खो बैठा है, उसे शांति की खोज करने कहीं बाहर नहीं जाना है बल्कि आत्मचिंतन और भगवान के प्रति आशक्ति बढ़ाने से शांति का मार्ग स्वत: ही खुल जाएगा। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक मूलचंद्र निरंजन, पूर्व कालपी विधायक नरेंद्र सिंह जादौन भी उपस्थित रहे।

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