प्रतियोगिताओं से जीवन में संघर्ष करने और आगे बढ़ने की सीख मिलती है : डाॅ० नरेश कुमार

कोंच (पीडी रिछारिया) मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में रविवार से तीन दिवसीय ‘सृजन’ युवा महोत्सव का सुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफसर डाॅ. नरेश कुमार द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन कर किया गया। उन्होंने कहा, ऐसे आयोजनों से छात्र छात्राओं की छिपी हुई प्रतिभा निखर कर सामने आती है और उसे आगे बढ़ने में मदद मिलती है। प्रतियोगिताओं से जीवन में संघर्ष करने की क्षमता भी विकसित होती है।
पहले दिन की प्रतियोगिताओं में मुख्य रूप से रंगोली, मेंहदी, पोस्टर मेकिंग एवं क्ले माॅडलिंग की प्रतियोगिताएं संपन्न हुईं। रंगोली एवं मेंहदी प्रतियोगिता के निर्णायक के रुप में श्रीमती मधु गुप्ता, श्रीमती कृष्णा झा एवं श्रीमती रजनी डेंगरे ने अपनी कुशल कला मर्मज्ञता के द्वारा निष्पक्ष रुप से अपना निर्णय दिया एवं छात्र छात्राओं को अपनी कला को और निखारने के लिए इससे जुड़ी बारीकियां बताईं।
पोस्टर मेकिंग एवं क्ले माॅडलिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र छात्राओं को नगर ही नहीं अपितु संपूर्ण क्षेत्र के कला मर्मज्ञ जानेमाने आर्टिस्ट बल्ला बेग, लोक संस्कृति विशेषज्ञ पुरुषोत्तमदास रिछारिया, सरस आर्ट ग्रुप के हैड संजीव सरस एवं विभिन्न विधाओं में सिद्धहस्त नबाव सूर्यदीप सोनी ने इस क्षेत्र की बारीकियां बताते हुए निर्णय प्रदान किए।
महाविद्यालय में आयोजित इस महोत्सव में संयोजक डाॅ. सुरेंद्र सिंह, डाॅ. टीआर निरंजन, राघवेंद्र सिंह, डाॅ. ओमप्रकाश यादव, डाॅ. हरिश्चंद्र तिवारी, भूपेंद्र कुमार त्रिपाठी, सुधीर कुमार अवस्थी, डाॅ. विजय विक्रम सिंह, लवकेश कुमार, डाॅ. मधुरलता द्विवेदी, डाॅ. स्वराज्यमणि अग्रवाल, डाॅ. मनोज कुमार तिवारी, डाॅ. राकेश वर्मा, सुनील कुमार सिंह, अभिषेक रिछारिया, राजेश कुमार, राकेश कुमार, सौरभ गुप्ता, कपिल रिछारिया, अभिनय कुमार, जितेंद्र कुमार, गोविंद आदि महोत्सव की अन्य व्यवस्थाओं के सुचारु संचालन में रहे।