सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान में लाखों लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया उन्मूलन की दवा
अभियान की तैयारियां पूरी, 10 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा अभियान

उरई/जालौन। दस फरवरी से शुरू होने वाले फाइलेरिया के सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान में इस बार 19 लाख 43 हजार 332 लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन की दवा खिलाई जाएगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस अभियान में एक साल से दो साल तक के बच्चों को भी जोड़ा गया है। इन्हें आधी गोली खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने दी।
बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित मीडिया वर्कशॉप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान की 1551 टीमें लगाई गई है। प्रत्येक टीम में दो सदस्य है। कुल 3102 दवा वितरक घर घर जाकर अपने सामने दवा खिलाने का काम करेंगे। टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 262 सुपरवाइजरों की भी तैनाती की गई है। अभियान में 4858330 डीईसी और 1943332 एलबेंडाजोल की गोलियां उपयोग की जाएगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बोर्न डिजीज डॉ अरविंद भूषण ने बताया कि 10 फरवरी से 27 फरवरी तक सामूहिक दवा सेवन के लिए अभियान चलेगा। इसमें आशा कार्यकर्ता सबको दवाई खाना है, फाइलेरिया से बचाना है का संदेश लेकर दवा खिलाने काम करेगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग की रोकथाम के लिए सभी को दवा खाना जरूरी है। यह दवा एक साल से कम आयु के बच्चों और गर्भवती तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर हर व्यक्ति को खानी है। लोगों को इस बीमारी की भयावहता समझनी चाहिए और दवा वितरक (ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर) के सामने दवा का सेवन करना चाहिए।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ जीएस स्वर्णकार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अभियान में लगी टीमों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है और इसका मच्छर गंदे पानी में पनपता है। फाइलेरिया के संक्रमण होने पर शुरुआत में इसके लक्षण नहीं आते है। इसके लक्षण दिखाई देने में पांच से 15 साल तक लग जाते हैं। इसे आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है।
हालांकि यह बीमारी व्यक्ति के पांव के अलावा स्तन और पुरुषों के अंडकोष को भी प्रभावित करती है। इसके बचाव के लिए दवा खाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके बचाव के लिए मच्छरों को न पनपने दें और फाइलेरिया टीमों द्वारा दी जाने वाली दवा का सेवन जरूर करें। इस दौरान सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह, बायोलॉजिस्ट भावना, पाथ संस्था के डॉ अनिकेत, पीसीआई के जिला समन्वयक सुनील गुप्ता आदि मौजूद रहे।