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आखिर कब तक पुलिस की पकड़ से दूर रहेंगे एटीएम हैकर्स…?

दस्यु प्रभावित रहे यमुना बीहड़ पट्टी के गांव समेत कालपी कस्बे के कुछ मोहल्ले भी हैं इसकी गिरफ्त में

कालपी/जालौन। वैसे तो समय-समय पर कालपी कोतवाली पुलिस से लेकर अन्तर्राज्यीय पुलिस भी एटीएम हैकर्स को पकड़ने का प्रयास करती रहती है जिसमें कार्यवाही भी होती है और कभी पुलिस को धन बल के आगे नतमस्तक भी होना पड़ता है परंतु सोचनीय पहलू यह है कि आखिर कब तक पुलिस की पकड़ से दूर रहेंगे यह एटीएम हैकर्स।

आपको बताते चलें कि कभी दुर्दांत दस्युओं की पनाह स्थली माने जाने वाले यमुना बीहड़ पट्टी के गांवों में अशिक्षा के कारण अवैध शराब,जुआ या दस्यु दलों को सामग्री उपलब्ध कराने जैसे कार्यों के बदले में कुछ परिवार धन कमाने के लिए चर्चा में रहे हैं और उनके नाम बोलने से शरीफ परिवार डर के कारण चुप बने रहते आए हैं आज भी उसी तरह का वाक्या देखने को मिल रहा है। ग्रामीण दबी जुबान से बताते हैं कि कल तक जिन्हें टूटी साइकिल भी नसीब नहीं होती थी आज इसी एटीएम हैकिंग के जरिए दिन दूनी रात चौगुनी अवैध कमाई के चलते लोगों ने आलीशान बंगले और दुपहिया वाहन तो छोड़ो लग्जरी वाहनों से चलना शुरू कर दिया है इसका एक बड़ा सिंडिकेट है जो कस्बा कालपी की कुछ चर्चित इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के युवा शामिल हैं इस गोरखधंधे में कालपी तहसील के 2 गांव देवकली और हीरापुर गांव अधिक सुर्खियों में है।

हीरापुर में तो लाखों रुपए बरामद करने का मामला भी संज्ञान में आया था जिसको लेकर अंतर्राज्यीय पुलिस हरकत में आई परंतु जब जब मामला गर्म होता है तब तब यह शातिर दिमाग के लोग शांत होकर बैठ जाते हैं परंतु फिर वही पुराने ढर्रे में चलने लगते हैं हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भले ही शांति के लिए हों परंतु रात्रि गश्त के दौरान बरसों से उसी एरिया में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित कर अवैध वसूली का जरिया अख्तियार कर रखा है जिन बातों को लेकर वरिष्ठ अधिकारी भले ही अनभिज्ञ है परंतु अधीनस्थों के लिए यह कमाई का जरिया बनता देखा जा रहा है पुलिस के उच्चाधिकारियों को चाहिए कि ऐसे संदिग्ध अधीनस्थों पर जहां निगाहें रखे वही गैरकानूनी कार्यो में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई कर धन बरामदगी कर सरकारी खजाने में जमा कराएं।

रिकॉर्ड से बचने के लिए देते हैं हजार से लाख तक : अब आपको न समझ में आया हो तो यह भी बता दें कि एटीएम हैकिंग के नाम पर पकड़े गए लोग क्यों देते हैं 1 हजार से 1 लाख तक तो सूत्रों की मानें तो ऐसा पकड़े गए युवक इसलिए करते हैं कि उनका नाम रिकॉर्ड में न आए और उसके लिए यह ठग विद्या से कमाए हुए धन को किसी भी हद तक देने को तैयार हो जाते हैं ?

धंधा करने का बहाना बनाकर पुलिस को करते हैं गुमराह : जब यह एटीएम हैकर पकड़े जाते हैं तो यही कहते हैं कि साहब हम बाहर धंधा करते हैं परंतु यह मार्ग से भटके हुए नौजवान एटीएम कलेक्ट बाहर दूसरे प्रदेशों में जाकर एक सिंडिकेट के तहत एटीएम हैकिंग कर चंद मिनटों में लाखों के बारे न्यारे पर डालते हैं

क्या है एटीएम हैकिंग ? यदि एटीएम हैकर्स की बात करें कि यह क्या है कैसे करते हैं तो पूर्व में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाईयों पर कबूल किए गए अपराध में पेशेवरों ने बताया है कि यह नए नए लोगों के खाते खुलवा आते हैं उनके एटीएम बनवाते हैं फिर सभी के एटीएम ले लेते हैं और उनसे तय करते हैं जितने का लेनदेन करेंगे उसका 40 % उसे दिया जाएगा बाकी करने वाला का होगा बस फिर वह दस हजार खाते में डालता है और पूरे पैसे निकालने के बाद भी पैसे फंस जाने की शिकायत संबंधित बैंक में करता है जब बैंक द्वारा रुपए खाते में भेज दिए जाते हैं तो उसका 40% खाताधारक को बाकी स्वयं ले लेते हैं जिसमें से 60 % का बंटवारा जो उनके एजेंट होते हैं खाता खुलवाते हैं और करते हैं उनमें बंदरबांट हो जाता है पुलिस अधिकारी भी तभी सक्रिय होते हैं जब कोई मामला तूल पकड़ता है!

सीओ पचौरी बोले – काली करतूतों के गढ़ ध्वस्त करके ही चैन लूंगा : असामाजिक तत्वों के मंसूबे में पानी फेरने की बीड़ा उठाए तेज तर्रार युवा पुलिस अधिकारी क्षेत्राधिकारी डॉक्टर देवेन्द्र पचौरी की मानें तो उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चाहे लोकेशन का मामला हो चाहे एटीएम हैकिंग और चाहे ओवरलोडिंग का तो गैरकानूनी कार्यों को अंजाम देने वाले लोग यह जान लें कि मैं इन सभी के घर को ही ध्वस्त करके ही चैन लूंगा उन्होंने यह भी कहा कि हम हर संदिग्ध चेहरे पर नजर रख रहे हैं और संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है बहुत जल्द ही परिणाम सामने दिखाई देंगे हम हर परिस्थिति से निपटना जानते हैं और यदि कोई कमियां भी हैं तो उसमें तत्काल प्रभाव से सुधार आ जाएगा लेकिन यह कड़वा सच है कि गैरकानूनी कार्यो को किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा अपराधियों का चिन्हीकरण शुरू हो चुका है संदिग्ध लोगों की लिस्टिंग कराई जा रही है और शीघ्र ही उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी यह कार्यवाही क्रमशः की जाएंगी। वरना अच्छा होगा लोग गलत रास्तों को छोड़ कर इंसानियत के मार्ग पर चले क्योंकि मेरी गिरफ्त में आने के बाद उसके पास पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।

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