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विद्यार्थी वर्ग के लिए बहुत लाभप्रद है नई शिक्षा नीति : डॉ. अमिता

टॉपर प्रतिभा सिंह प्रखरबुद्धि पुरस्कार से सम्मानित

उरई/जालौनगांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. दिनेश चंद्र द्विवेदी की स्मृति में आयोजित प्रखरबुद्धि एवं ज्योतिर्मय पुरस्कार से सात को सम्मानित किया गया।

अरविंद माधुरी तिवारी महाविद्यालय में आयोजित प्रखरबुद्धि सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर की वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता अरजरिया ने कहा कि मोदी की नई शिक्षा नीति विद्यार्थी वर्ग के लिए बहुत उपयोगी है। इस नई शिक्षा नीति का दैनिक जीवन में बहुत महत्त्व रहेगा। उन्होंने कहा कि कहा कि मन चंचल बनाता है और मेहनत लक्ष्य तक ले जाती है। विद्यार्थी खुद के आत्मविश्वास पर भरोसा रखते हुए आगे बढ़े। यदि उसे सफल होना है तो सफलता के भावों से भी उसको ओतप्रोत रहना होगा।

डॉ. अरजरिया ने कहा कि एक आदर्श विद्यार्थी खुद की नैतिकता, सत्य और उच्च आदर्शों पर पूर्ण विश्वास रखता है। प्रमुख अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुजान सिंह ने कहा कि 11 वें वर्ष तक लगातार पुरस्कार दिया जाना यह दर्शाता है कि पुरस्कार समिति अपने कर्तव्य के प्रति किस कदर प्रयत्नशील है। उन्होंने छात्रों से कहा कि यदि आप सफल होना चाहते हैं तो उन कार्यों को कीजिये जिसेअसफल लोग नहीं करना चाहते हैं। मुख्य वक्ता इंजी. सुनील गुप्ता ने डॉ. द्विवेदी के व्यक्तितत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके जैसा सत्यनिष्ठ और वास्तविक विद्वान कम ही लोग मिलते हैं। उनमें साहित्य के प्रति गजब की क्षमता थी।

विशिष्ट अतिथि गोविंद पोरवाल ने कर्तव्य का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि परिश्रम और लगन व्यक्ति को हमेशा प्रेरित करती है। प्रबंधक नम्रता ‘तिवारी’ दीक्षित ने प्रयास को ही सबसे बेहतर माना। कहा कि कई बार हार भी महत्वपूर्ण संदेश दे जाती है। इसके पूर्व प्रखरबुद्धि पुरस्कार समिति के अध्यक्ष अरविंद गौतम चच्चू ने विद्यार्थियों में चेतना का संचार किया। कहा कि कुछ के लिए सफलता एक निरंतर संघर्ष है तो कुछ के लिए शांति की भावना है। सचिव डॉ. अंकुर शुक्ला ने माना कि शार्ट कट का रास्ता कभी मंजिल की ओर नहीं ले जाता। इसलिए छात्र को अपनी मेहनत पर विश्वास करना चाहिए।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमारेन्द्र सेंगर के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जीवन में खुश नहीं है तो वह सफल नहीं है। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुदामा दीक्षित ने कहा कि जीतने की इच्छा तो सभी में होती है, किंतु जीतने के लिए तैयारी की इच्छा कम लोगों में होती है। जीत मजबूत संकल्पना में समाहित होती है। प्रख्यात गायक मिर्जा साबिर बेग ने गीतों के माध्यम से वातावरण में संगीत की मिठास घोल दी।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा प्रखरबुद्धि पुरस्कार विजेता प्रतिभा सिंह को नगद पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। इसके अलावा दिव्या, खुशबू, रोशनी सिंह, सोनाली मिश्रा, मो. जावेद और प्रियंका का कर्तव्यनिष्ठ और ज्योतिर्मय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन डॉ. रेहान सिद्दीकी, सारिका आनंद तिवारी ने किया। महाविद्यालय के स्टॉफ द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राकेश द्विवेदी, मंत्री प्रतिनिधि अरविंद चौहान, राकेश गुरुजी,विनय द्विवेदी, अभय भदौरिया, कुक्कू राजा खजुरी, संजीव गुर्जर,श्वेता शर्मा, छाया सिंह, रामू, विष्णु वल्लभ चंसौलिया, केके अग्रवाल, सोहेल बेग, रेनुका, खुशबू पाल, संध्या, मुस्कान, सोनल, कौशकी आदि उपस्थित थे।

पुरस्कार पाने में हर वर्ष आगे रहीं बेटियां –
प्रखरबुद्धि पुरस्कार वर्ष 2012 से दिया जा रहा है। यह 11वाँ वर्ष था। हर वर्ष लड़कियों से लड़के पिछड़ गए। 2016 सिर्फ अपवाद रहा, जब एक छात्र ने यह पुरस्कार हासिल किया। ताहिरा बानो दो बार पुरस्कार यह पाने में सफल कामयाब हुई।

इन विद्यार्थियों ने भी पाया पुरस्कार –
विद्यार्थियों ने मेहनत की तो परिणाम उनके सामने है। ज्योतिर्मय पुरस्कार से रोशनी सिंह, सोनाली मिश्रा, मो. जावेद, प्रियंका सम्मानित हुईं। कर्तव्यनिष्ठ पुरस्कार को खुशबू पाल और दिव्या ने प्राप्त किया।

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