शास्त्र सम्मत से रक्षाबंधन पर्व 12 अगस्त को ही है शुभ : पं0 संजय

कोंच (पीडी रिछारिया) भाई बहिन के परस्पर प्रेम, रक्षा, त्याग से परिपूर्ण रक्षाबंधन पर्व की तिथि को लेकर लोगों के मन में दुविधा पैदा हो गई है। अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षिणी सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिर्विद पं संजय रावत शास्त्री का कहना है कि कुछ पंचांग में 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाना बताया जा रहा है जबकि काशी विश्व पंचांग मे स्पष्ट रूप से 12 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म व रक्षाबंधन पर्व मनाये जाने का उल्लेख है।
शास्त्री ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 44 मिनट से प्रारम्भ होकर 12 अगस्त को प्रातः 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के आरम्भ से ही भद्रा काल भी रहेगा। भद्रा काल में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाना शुभ नहीं माना जाता है। भद्रा काल 11 अगस्त को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट तक है। यदि 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाना है तो रात्रि 8:34 बजे के बाद ही मनाया जा सकता है। बहुत जरूरी होने पर भद्रा पुच्छ के समय रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकता है और यह शास्त्र सम्मत है। उन्होंने कहा कि श्रावणी उपाकर्म 12 अगस्त 2022 को सूर्योदय से पूर्व ही प्रारम्भ करें और पंचगव्य, प्रायश्चित स्नान आदि कार्यों से प्रातः काल ही निवृत्त हो जाएं।