जिला दीवानी न्यायालय में सभी पैरालीगल वालंटियर्स को दिया गया प्रशिक्षण

उरई (जालौन) उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार पारिवारिक विवादों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारण हेतु जनपद जालौन में संचालित ‘लीगल एड क्लीनिक‘ प्रायोजना के अन्तर्गत विभिन्न तहसील क्षेत्रों में कार्यरत समस्त पीएलवी का प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 मार्च को जिला दीवानी न्यायालय सभागार उरई में आयोजित किया गया। इसका विधिवत् उद्घाटन पूर्वान्ह में जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना ने मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण करते हुये दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागी पैरालीगल वालंटियर्स को प्रशिक्षक/रिसोर्स-पर्सन द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना ने वैवाहिक/दाम्पत्य एवं पारिवारिक विवादों के प्रार्थना-पत्रों पर मुकदमा पूर्व सुलह प्रक्रिया सम्पादन हेतु इन्हें प्रारम्भिक स्तर पर ही निपटाये जाने के लिये समस्त परा-विधिक स्वयं सेवकों को प्रेरित किया और उन्हें निर्देशित किया कि वह जिले की सभी तहसील मुख्यालयों के सरकारी कार्यालयों, बैंक और डाकघर में भ्रमण करते हुये विधिक सेवाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचायें। समस्त शासकीय विभागों से समन्वय बनाकर लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने के गुर बताये। उन्होंने प्रशिक्षण के अन्त में समस्त सहभागी पैरालीगल वालंटियर्स को प्रमाण-पत्र भी दिये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव द्वारा प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में बताया गया कि पारिवारिक विवादों के समाधान हेतु मुकदमा दायर करने के बजाय विवाद को प्रारम्भिक स्तर पर ही प्री-लिटिगेशन स्कीम के अन्तर्गत न्यायालय से निस्तारित करा सकते है। उन्होंने बताया कि तहसील दिवस, समाधान दिवस, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय, थाना/कोतवाली, महिला ऐच्छिक ब्यूरो तथा परिवार परामर्श केन्द्र (पुलिस लाइन) में आने वाले वैवाहिक/दाम्पत्य विवादों के प्रार्थना-पत्रों पर भी मुकदमा पूर्व सुलह प्रक्रिया सम्पादन हेतु वैवाहिक/दाम्पत्य विवादों को प्रारम्भिक स्तर पर ही निपटाये जाने के लिये उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त गाइडलाइन के अनुक्रम में पति-पत्नी में से कोई अथवा उनका नजदीकी रिश्तेदार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/तहसील विधिक सेवा समिति कार्यालय में प्रार्थना-पत्र दे सकता है। प्रार्थना-पत्र में दोंनो पक्षों का नाम, पता, उनका फोन नम्बर, विवाद का संक्षिप्त विवरण एवं फोटोग्राफ पहचान पत्र सहित देना होगा। मामले के समाधान हेतु प्रार्थना-पत्र अग्रिम कार्यवाही हेतु सम्बन्धित न्यायिक पीठ को भेज दिया जायेगा। पीड़ित वादकारी पति-पत्नी इस हेल्प डेस्क पर सम्पर्क करके विधिक परामर्श एवं सहायता ले सकते हैं तथा प्रारम्भिक स्तर पर ही अपने मामले के निस्तारण हेतु सीधे यहां प्रार्थना-पत्र दे सकते हैं। न्यायिक अधिकारी सिविल जज (जू0डि0) कोंच पलाश गांगुली, सिविल जज (जू0डि0) जालौन अर्नवराज चक्रवर्ती, मध्यस्थता केन्द्र के मध्यस्थगण सुलेखा सिंह तथा विश्राम सिंह निरंजन ने रिसोर्स-पर्सन के रूप में उपस्थित रहकर पीएलवी0 को प्रशिक्षण प्रदान किया।