उफ्फ ये दांत किटकिटाने वाली ठंड और ऊपर से ये बारिश दोनों ने बढ़ाई गरीबों की मुश्किलें

कोंच (पीडी रिछारिया)। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में साफ देखा जा रहा है। दांत किटकिटा देने वाली ठंड बैसे ही गरीबों पर भारी पड़ रही थी कि ऊपर से हो रही बारिश ने कोढ में खाज की स्थिति बना दी है। यह शीत लहर गरीबों पर काफी भारी गुजर रही है।
बुधवार रात से शुरू हुई बूंदाबांदी वृहस्पतिवार को भी जारी रही जिससे बेतहाशा बढी ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। जो घरों से बाहर हैं वे अलावों के गिर्द सिमटे नजर आ रहे हैं। सरकारी दफ्तरों में भी कर्मचारी ठंड के मारे कुढते नजर आए। पालिका प्रशासन की ओर से हालांकि अलावों की व्यवस्था कराई जा रही है लेकिन इतनी बड़ी आबादी के लिहाज से यह संख्या ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। ग़ौरतलब है कि करीब एक पखवाड़े से शीतलहर के साथ पड़ रही गलन भरी सर्दी से हलकान क्षेत्रवासी बुधवार की रात से लगातार जारी बेमौसम बारिश होने के चलते एकाएक बढ़ी सर्दी से लोग ठिठुरते हुए नजर आए और घरों में कैद रहे। बारिश होने से पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और कॉलेज से लेकर तमाम सरकारी कार्यालयों, बैंकों, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थलों पर इक्का दुक्का लोग ही नजर आए, वह भी जलते अलावों के सहारे ठंड से निजात पाने की नाकाम कोशिश करते देखे गए। रिमझिम बारिश होने से एक ओर जहां सफेद मटर, गेहूं, सरसों आदि की फसलों को फायदा पहुंचा है तो वहीं दूसरी ओर हरी मटर को नुकसान पहुंचने से किसान चिंतित हो उठे हैं क्योंकि अधिकांश गांवों में हरी मटर की फलियां दाने से भर गईं हैं और टूटने की स्थिति में हैं लेकिन खेतों में अधिक नमी हो जाने के चलते अब फलियां नीचे की ओर झुककर मिट्टी के संपर्क में आकर खराब हो सकती हैं। जिन गांवों में फलियों के अंदर दाने भरने में अधिक देरी है वहां सर्दी से उत्पन्न कीटाणु फलियों में लगने का डर किसानों को सता रहा है।