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परिवार नियोजन को लेकर महिलाओं की पहली पसंद बना अंतरा इंजेक्शन

अंतरा इंजेक्शन अपनाने पर लाभार्थी को मिलते हैं सौ रुपये
उरई (जालौन) परिवार को सीमित रखकर खुशहाल जीवन की सोच को साकार करने की दिशा में खासकर महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं। इसके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों को अपनाने में उनकी दिलचस्पी बढ़ी है। इसके लिए उनके सामने कई विकल्प भी मौजूद हैं, जिनमें से त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा उनकी पहली पसंद बना हुआ है। इस इंजेक्शन को अपनाने को लेकर उनकी काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की गई है, जो कि इसे बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही है। इसके तहत उन्हें बताया जाता है कि यह पूरी तरह सुरक्षित होने के साथ ही दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने में भी बेहद मददगार है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा का कहना है कि परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन अपनाकर लोग समाज और परिवार में खुशहाली ला सकते हैं। परिवार नियोजन को लेकर लोगों को बिना किसी भेदभाव के आगे आना चाहिए। अंतरा इंजेक्शन व छाया टेबलेट के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। अंतरा इंजेक्शन अपनाने पर लाभार्थी को हर बार सौ रुपये दिये जाते है, जो लाभार्थी के खाते में सीधे भेजे जाते हैं। इसके साथ ही अंतरा इंजेक्शन के लिए प्रेरित करने पर आशा कार्यकर्ता को भी सौ रुपये दिए जाते हैं।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के मामले में जिला बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक जिले में करीब साढ़े चार हजार लाभार्थियों को अंतरा इंजेक्शन देने का अनुमान था, जिसके सापेक्ष छह हजार लाभार्थियों को अंतरा इंजेक्शन लगाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
परिवार कल्याण विशेषज्ञ ज्ञान प्रकाश पांडेय का कहना है कि परिवार नियोजन कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए हर गुरुवार को अंतराल दिवस मनाया जाता है, इसमें अस्थायी साधनों को अपनाने पर जोर दिया जाता है। इसके अलावा हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है, इसमें भी परिवार नियोजन विधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इस दौरान महिलाओं को बताया जाता है कि दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना माँ और बच्चे की सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है। कुठौंद पीएचसी में तैनात स्टाफ नर्स शीलम चौहान ने जिले में इस साल सबसे ज्यादा 125 लाभार्थियों को अंतरा इंजेक्शन लगाया है। शीलम के मुताबिक, जो भी लाभार्थी उनके पास आती हैं तो वह उनकी जिज्ञासाओं को शांत करती हैं और उन्हें अपना नंबर भी दे देती हैं कि यदि उन्हें कोई दिक्कत हो तो वह उनसे संपर्क कर सकती है। इसके अलावा जिनका परिवार पूरा हो गया है, उनको परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। कुठौंद ब्लाक की लाभार्थी रंजना का कहना है कि उनके दो बेटे है, एक की उम्र 11 साल है तो दूसरे की सात साल है। वह पिछले ढाई साल से अंतरा इंजेक्शन का उपयोग कर रही हैं। वह बताती हैं कि उनकी बहन भी अंतरा इंजेक्शन लगवाती है, उनसे ही इस इंजेक्शन के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने कुठौंद के अस्पताल में जाकर इंजेक्शन के बारे में जानकारी ली और अपनी जिज्ञासायें शांत की। स्टाफ का रवैया भी ठीक लगा और उन्होंने बेहतर सेवाएं दी। वह हर तीन महीने में इंजेक्शन लगवा लेती है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

परिवार नियोजन के साधन –
स्थायी साधन : महिला व पुरुष नसबंदी
अस्थायी साधन : छाया साप्ताहिक गोली, माला एन गोली, कंडोम, ईसीपी, ओसीपी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी

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