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श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बाल श्रम के विरुद्ध चलाया अभियान, की कार्यवाही

उरई। प्रदेश में बाल श्रम को रोकने हेतु शासन द्वारा दिये गये आदेश के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा टीमों का गठन कर जनपद में बाल श्रम के विरूद्ध अभियान संचालन हेतु प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में आज उरई शहर के स्टेशन रोड, करमेर रोड, कालपी स्टेंड एवं मुख्य बाजार में विभिन्न नियोजनों में बाल श्रमिकों को चिंहित किया गया और चिंहित दुकानदारों के विरूद्ध कारण बताओं नोटिस निर्गत कर उनसे जबाव तलब किया गया।

चिंहित दुकानदारों यथा एमबी मोबाइल श्रृंगार, मुसब्बर आटो वर्कशाप स्टेशन रोड, इरशाद कार रिपेयरिंग कालपी स्टैंड व रफीक आटो गैरिज के नियोजकों के विरूद्ध कारण बताओं नोटिस निर्गत किया गया है। इस संबंध में श्रम प्रवर्तन अधिकारी आर के चतुर्वेदी द्वारा बताया गया है कि 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी व्यवसाय में नियोजित नहीं किया जा सकता जबकि 15 वर्ष से 18 वर्ष तक के किशोर बच्चों को कतिपय शर्तो के अधीन ही काम पर रखा जा सकता है।

उपरोक्त का उल्लंघन बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिशेध एवं विनियमन) अधिनियम 2016 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। जिसके लिए 20 हजार रुपये से लेकर 50 हजार तक का जुर्माना एवं दो वर्ष तक की सजा सक्षम न्यायालय के स्तर से दी जा सकती है। सभी व्यापारी बंधुओं से अपील की जाती है कि वे अपने प्रतिष्ठान में बच्चों को नियोजित न करें। अन्यथा अधिनियम के उल्लंघन पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाही अपनायी जायेगी।

अभियान के दौरान श्रम प्रवर्तन अधिकारी उरई आर के चतुर्वेदी, चाइल्ड लाइन के कोर्डिनेटर शिवमंगल सिंह, कोतवाली उरई से सब इंस्पेक्टर शशांक वाजपेयी एवं अन्य पुलिस बल तथा श्रम विभाग से इन्द्रपाल सिंह उपस्थित रहे।

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