कोंच/जालौन। ब्लॉक परिसर स्थित ब्लॉकेश्वर महादेव मंदिर में संयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दौरान कथा व्यास शिवशंकरानंद सरस्वती ने कथामृत पान कराते हुए कहा कि भगवान तो भक्त के वश में होते हैं, जैसे राजा बलि भगवान में पूर्ण आसक्त था और भगवान ने उसके यहां पहरेदारी करना भी स्वीकार किया। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु चरणों में अनुराग और निष्ठा के ही प्रभाव से प्रह्लाद जैसे भक्त के कष्ट दूर करने के लिए भगवान ने स्तंभ से प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिए और उनके पिता महान अत्याचारी हिरण्यकश्यपु को मोक्ष प्रदान किया। दैत्यों का राजा बलि एक महान दानवीर था किंतु इसका उसे बहुत ही अहंकार हो गया तब अपने भक्त का अहंकार दूर करने के लिये भगवान नारायण ने वामन रूप धारण किया और उन्होंने बलि से तीन पग पृथ्वी दान में मांग ली। कथा व्यास कहते हैं कि व्यक्ति को दान करते समय अहंकार का भाव नहीं रखना चाहिए। उन्होंने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर अघासुर, वकासुर, पूतना उद्घार आदि की मनोहारी कथाएं सुनाईं। गोपियों संग महारास और गौचारण की कथाएं सुन श्रोता भाव विभोर हो गए। अंत में कथा परीक्षित श्याम सुंदर चतुर्वेेदी ने सपत्नीक भागवतजी की आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया गया।