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विपक्ष ने दिखाया दम, किसानों के सहयोग में दिखे व्यापारी

सुबह से ही सड़कों पर उतरकर राजनैतिक दलों ने कराया बाजार बंद
उरई/जालौनकृषि विधेयक बिल के विरोध में किसानों के आह्वान पर आज नगर में बाजार बंदी का असर देखने को मिला। हालांकि व्यापारियों ने भी किसानों का समर्थन करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तो वहीं सपा, कांग्रेस और बसपा तथा भारतीय किसान यूनियन के नेता और समर्थक सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और इक्का दुक्कान जो दुकानें खुली थी उन्हें शांतिपूर्वक बंद कराया।
बीते बारह दिनों से देश भर के किसान आंदोलित हैं। किसान नेताओं और सरकार की कृषि विधेयक बिल पर बातचीत असफल हुई तो किसान नेताओं ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान कर डाला। किसानों के समर्थन में कांग्रेस, सपा, बसपा, वाम दलों सहित कई राजनैतिक दल लामबंद हो गए और भारत बंद को सफल बनाने के लिए सडक़ों पर उतर आए। दस बजे से बारह बजे तक राजनैतिक दलों के अलग अलग झुंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे लेकिन इस बीच किसान संगठनों का कोई झुंड मुख्यालय पर नहीं दिखाई दिया। बाजार की बंदी की बात करें तो लगभग नब्बे फीसदी बाजार बंद रहा। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लंबरदार के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने कृषि बिल के विरोध में एनएच 27 को जाम कर दिया। लगभग दो घंटे के जाम में कई राहगीर फंसे नजर आए। बाद में उपजिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बड़ागांव के पास हाइवे पर पहुंचकर किसान नेताओं से बात कर ज्ञापन लिया और शांतिपूर्ण ढंग से जाम खुलवाया।
जोश में होश खोते दिखे सपाई
वैसे तो जनपद में समाजवादी पार्टी कई हिस्सों में बंटी है। सुस्त जिलाध्यक्ष की वजह से हर कोई अपने तरीके से कार्य कर रहा है। आज भी समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता खुद को हाईलाइट करते नजर आए। एक ओर जहां पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल दादी अपने समर्थकों के साथ दिखे तो वहीं कद्दावर ब्राह्मण नेता प्रदीप दीक्षित और पूर्व जिला जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र मौखरी भी अपने अपने साथियों के साथ घूमते नजर आए। हालांकि बाद में सभी गुट एक होकर बड़ी ताकत बन गए।
सपा का भारी जनसैलाब देख कुछ समय के लिए पुलिस को भी पसीना आ गया और कुछ जगह सीओ संतोष कुमार से हल्की झड़प भी हुई। सपाइयों का जोश देख जो दुकानदार दुकानें खोले थे उन्होंने दुकानें बंद करना ही उचित समझा और जिन्होंने दुकानों के शटर बंद नहीं किए उन्हें सपाइयों ने जबरन बंद करा दिया। शहीद भगत सिंह चौराहे और अंबेडकर चौराहे पर सपाइयों ने जाम भी लगा दिया। बाद में पुलिस ने दर्जनों सपाइयों को हिरासत में लिया और देर शाम रिहा किया। आंदोलनकारी सपाइयों में सपा जिलाध्यक्ष नवाब सिंह यादव, वीरपाल दादी, प्रदीप दीक्षित, आनंद यादव, सुरेंद्र यादव बजरिया, महेश सर, जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र यादव मौखरी, फरहत उल्ला, हिमांशु ठाकुर, राहुल पिरौना, पृथ्वी सिंह यादव, कुसुम, दीपराज गुर्जर, शैलेंद्र सभासद, मिर्जा शाबिर बेग, शफीकुर्रहमान कश्फी, हर्षेंद्र सिंह निरंजन आदि नेता मौजूद रहे।
दर्जन भर बसपाई ही दिखे सडक़ों पर
किसानों के समर्थन में बसपा का योगदान नगण्य सा दिखा। दर्जन भर लोग ही सडक़ों पर नारेबाजी करते दिखे। इस दौरान बसपा का कोई भी बड़ा नेता नजर नहीं आया। अंबेडकर चौराहे पर दर्जन भर बसपाइयों ने नारेबाजी की और बाद में अंबेडकर जी की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर वापस लौट गए।
भारतीय किसान यूनियन ने भी की नारेबाजी
कृषि विधेयक बिल के विरोध में किसान नेता भी सडक़ों पर नजर आए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम लंबरदार के नेतृत्व में सैकड़ों किसान सडक़ों पर केंद्र सरकार से कृषि विधेयक बिल को रद्द करने की मांग करते नजर आए।

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