– बंद के समर्थन में भाकियू ने गल्ला मंडी में दिया धरना, एसडीएम को दिया ज्ञापन कोंच/जालौन। कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी की घेराबंदी किए आंदोलनकारी किसानों के भारत बंद के आह्वान का यहां कोंच में कोई खास असर नहीं दिखा और ज्यादातर बाजार खुले रहेे लेकिन गांवों के लोगों की बाजारों मेें आमदरफ्त नहीं दिखी, अलबत्ता अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक गल्ला मंडी की दुकानें जरूर पूरी तरह से बंद रहीं और व्यापारियों ने व्यापार कार्य नहीं किया। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गल्ला मंडी में धरना देकर भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कृषि कानूनों को बापिस लेने की मांग की। बाद में अपनी मांगों को लेकर उन्होंनेे एसडीएम को ज्ञापन दिया।
भारत बंदी को लेकर हालांकि केवल किसान संगठनों द्वारा आह्वान किया गया था जिसका विपक्षी दल समर्थन जरूर कर रहे थेे लेकिन बाजारों मेें दुकानदारों से अपनेे प्रतिष्ठान बंद रखने को कहने के लिए कोई नहीं निकला जिसके चलतेे बाजार रोज की तरह ही खुला रहा। गल्ला व्यापारी समिति नेे इसका समर्थन करते हुए पूर्व में ही घोषणा करते हुए अपने कारोबार बंद रखने के लिए कह दिया था सो गल्ला मंडी में दुकानें पूरी तरह से बंद रहीं। गल्ला व्यापारी समिति के अध्यक्ष अजय रावत का कहना है कि अन्नदाता से ही पूरे देश का पेट भर रहा है और जब अन्नदाता सड़कों पर उतरा है तो नैतिकता के नाते दलीय संकीर्णताओं से ऊपर उठ कर उनका समर्थन करना हर भारतीय का दायित्व है। प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन के आह्वïान पर धरना दे रहे भाकियू की खबर सुन कर एसडीएम अशोक कुमार, सीओ राहुल पांडे, कोतवाल इमरान खान, मंडी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार भी पुलिस बल के साथ मंडी पहुंच गए थे और किसानों सेे धरना खत्म करने का आग्रह किया। भाकियू पदाधिकारियों प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. केदारनाथ सिमिरिया, तहसील अध्यक्ष चतुरसिंह, भगवानसिंह कुशवाहा, डॉ. पीडी निरंजन, चंद्रपालसिंह, रामप्रताप मास्टर, रामसिंह काका, जगदीश, हरीनारायण, मोहित पटेल, अरविंद यादव, आनंद बाबूजी, मंत्री धनौरा आदि ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को देकर कहा कि किसान विरोधी इन कानूनों को बापिस लिया जाए, समर्थन मूल्य को कानूनी अधिकार बनाया जाए और इससे नीचे की खरीद को अपराध माना जाए, 2020 में बढाई गईं बिजली दरें बापिस ली जाएं, आंदोलनरत किसानों पर लादे गए मुकदमे बापिस हों, पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीडऩ बंद हो, कृषि कार्यों के लिए किसानों को आधे दामों पर डीजल दिया जाए, अन्ना समस्या खत्म करने के कारगर उपाय किए जाएं। उधर, भारत बंद के समर्थन में कोंच तहसील के किसानों ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उरई रोड पर कैथी के पास नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया।
किसान आशीष शाक्यवार ने कहा कि आज किसान की फसल औने पौने दामों में बिक रही है। गेंहू का सरकारी रेट 1975 रुपए है लेकिन बाजार में 1470 रुपये बिक रहा है। क्या ये किसानों के साथ अन्याय नहीं है। किसानों की मांग है कि किसानों की फसल के दाम सरकारी रेट से कम पर खरीद न हो, अगर कोई खरीदता है तो उसे जेल भेजा जाए। इस दौरान अनिल पाराशर, अमित मिश्रा, गंगाराम शाक्य, अवनीश पटेल, श्यामसुंदर पटेल, मनीष खरे, अभय परिहार, सेठ परिहार, नन्हें पटेल आदि मौजूद रहे।
कांग्रेसियों के पीठ फेरतेे ही फिर खुल गईं दुकानें किसानों द्वारा भारत बंद के आह्वान का हालांकि यहां कोई खास असर नहीं दिखा लेकिन बंदी के समर्थन में कांग्रेस की अपील पर थोड़ी देर के लिए दुकानदारों ने सहयोग करते हुए अपनी दुकानें थोड़ी देर के लिए बंद कर लीं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर नगर कांग्रेस कमेटी कोंच के तत्वाधान में जिला सचिव राघवेन्द्र तिवारी ने कांग्रेसजनों के साथ बाजार पहुंचकर व्यापारीगणों से निवेदन कर किसान हित में बाजार बंद करने की अपील की जिस पर दुकानदारों ने भी किसानों को समर्थन करते हुए अपनी दुकानें बंद कर लीं लेकिन कांग्रेसियों के पीठ फेरतेे ही उन्होंनेे फिर अपनी दुकानें खोल लीं। इस दौरान जिला सचिव आजादउद्दीन, सभासद दंगल यादव, प्रधव मिश्रा, नगर अध्यक्ष प्रभुदयाल गौतम, रामकिशोर पुरोहित ललिया, सभासद सुशील रजक, अकील अहमद आदि उपस्थित रहे।