बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जिला एवं ब्लाक स्तर पर रैपिड रेस्पांस टीम गठित

उरई/जालौन। जिले में बाढ़ की विकरालता के कारण रामपुरा, कालपी में भयावह हालात है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए तैयारियां तेज कर दी है। जिला एवं ब्लाक स्तर पर रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) गठित कर दी गई है। सचल दल भी तैनात कर दिया गया है। ब्लाक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने राहत के शिविर बना दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० एनडी शर्मा ने बताया कि बाढ़ के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है। इससे बीमारियां फैलने की संभावना है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर एसीएमओ डॉ० एसडी चौधरी के नेतृत्व में आरआरटी टीम गठित कर दी है। इस टीम में नगरीय प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० जितेंद्र कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ० जीएस स्वर्णकार, एपेडेमोलाजिस्ट महेंद्र कुमार, मलेरिया निरीक्षक कुलदीप, एलटी प्रदीप अग्रवाल, हिमांशु को शामिल किया गया है। इसी तरह सभी नौ ब्लाकों में ब्लाक स्तर पर प्रभारी चिकित्साधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।
जिला स्तर पर बनाया गया कंट्रोल रूम :-
स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बना दिया है। इसका नंबर 05162-298100 है। कंट्रोल रूम में अभिषेक, रामकेश और सियाराम की चक्रानुसार आठ आठ घंटे की ड्यूटी लगा दी गई है। इसके अलावा तीन सचल दल भी बनाए गए है। 28 बाढ़ राहत चौकियों में चिकित्सक अपनी टीम के साथ मौजूद रहेगा।
उपलब्ध है जरूरी दवाइयां :-
एसीएमओ डॉ० एसडी चौधरी ने बताया कि टीम को निर्देशित किया गया है कि लोगों को जागरूक करें। टीम के पास बुखार, दस्त, एंटी एलर्जी, दर्द जैसी जरूरी दवाओं के साथ फर्स्ट एड किट उपलब्ध करा दी गई है। बीमार को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराने को कहा गया है।
रोजाना लिया जा रहा अपडेट :-
महामारी विशेषज्ञ महेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल कहीं बीमारी फैलने की सूचना नहीं है। स्वास्थ्य टीमें अलर्ट है। रोजाना अपडेट लिया जा रहा है। किसी तरह की समस्या होने पर निकट की बाढ़ राहत चौकी पर मौजूद चिकित्सक स्टाफ से दवाएं ली जा सकती है।
-: बाढ़ से बचाव के लिए यह बरतें सावधानी :-
क्या करें –
– टार्च लेकर ही अंधेरे में जाएं और चारपाई पर सोएं
– सांप काटने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं
– पानी उबालकर और उसमें क्लोरीन मिलाकर पीएं
– उल्टी, दस्त व आँख में खुजली होने पर निकट की बाढ़ चौकी से दवा लें
– शरीर को ढक कर रखें और मच्छरों को काटने से बचे
– सोते समय मच्छरदानी लगाएं और स्वच्छता पर खास ध्यान दें
क्या न करें –
– रात में झाड़ियों में न जाए।
– झोलाछाप से इलाज न कराए और न ही झ़ाड़फूंक के चक्कर में पड़े।
– बाढ़ के संपर्क में आई हुई खाने पीने की वस्तुओं का प्रयोग न करें।
– बासी भोजन और कटे फलों का सेवन न करें।
– बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई औषधि का सेवन न करें।
– बिना उबाले पानी का सेवन न करें।