रात में सोने से पहले दाँत अवश्य साफ़ करें – डॉ० मधुलिका

उरई। मुँह के स्वास्थ्य जिसे हम ओरल हाईजीन भी कहते हैं इसका ध्यान रखना उतना ही ज़रूरी है जितना पूरे शरीर का रखा जाता है। स्वास्थ्य दन्त और मसूड़े व्यक्तित्व को और बेहतर बनाने में भी मदद करता है। अक्सर हम दांतों की साफ़ सफाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और ऐसे ही अक्सर हमे दांतों में दर्द, मूंह से बदबू आना, कीड़ा लगना आदि समस्या होती है।
राजकीय मेडीकल कॉलेज में दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ मधुलिका बताती हैं कि दिन में दो बार ब्रश करना ही ओरल हाईजीन नहीं कहलाती है। इसके साथ ही रात को मीठा खाने से बचना चाहिए, ज्यादा मीठा खाने से दांतों में कीड़ा लगने की संभावना रहती है अगर मीठा खा भी रहे हैं तो उसके बाद कुल्ला या अच्छे तरह से ब्रश कर लें अक्सर मीठा खाने के बाद बैक्टीरिया पनपने की संभावना होती है और ऐसी स्थिति में मुँह में दुर्गन्ध और कीड़ा लगने की सम्भावना अधिक होती है। साथ ही मुँह की सुरक्षा के लिए चाय और कॉफ़ी को सीमित मात्रा में लेना चाहिए, इन पेय पदार्थों में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। साथ ही अधिक धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन से बचना चाहिए। इनके सेवन से दांतों की चमक जाती है और साथ ही मसूड़ों से सम्बंधित बीमारी होने की सम्भावना होती है।
डॉ मधुलिका ने बताया कि मुँह के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 3 माह में ब्रश को बदलना चाहिए, ज्यादा दिन तक पुराना टूथ ब्रश इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया पनपने की संभावना रहती है। साथ ही पुराने टूथ ब्रश को इस्तेमाल करने से मसूड़ों को नुकसान पहुचंने की संभावना होती है। रात में सोते समय मुँह में लार कम बनती है और करीब 8 घंटे मुंह बंद रहता है। इस वजह से खाना दांतों के बीच फंसा रह जाता है और धीरे धीरे सड़ने लगता है और इस तरह बक्टेरिया मुँह में पनपने लगते हैं। इसलिए रात में सोने से पहले दांत साफ़ करना बहुत ही ज़रूरी है। वर्ल्ड ओरल हाईजीन डे 20 मार्च को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2013 से में वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन द्वारा हुई थी, इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में दन्त स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना है।