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उ0 प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जनपद में चिन्हित 25 बच्चों में से 5 बच्चों को स्वीकृति प्रमाण पत्र, फल आदि प्रदान किये गये

उरई मा0 राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल एवं मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा कोरोना से निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिये उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ ऑडिटोरियम लोक भवन में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

उ0 प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में बताया गया कि विगत एक वर्ष से देश-प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ हैं। उक्त में जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता/पिता अथवा दोनो की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गई है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हे अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना हैं।

यह भी बताया गया कि योजना से लाभान्वित किये जाने वाले बच्चों जो 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनो की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता व पिता दोनो की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा उनके वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हों, 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चों को भी शामिल किया जाएगा

उन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो। योजना के अन्तर्गत देय लाभ के बारे में बताया गया कि उपरोक्त श्रेणियों के 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रू0 4000/- (रू0 चार हजार) प्रतिमाह की धनराशि देय होगी बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो।

इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गये हो एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अन्तर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गये हो, उनको कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा, 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा-12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा तथा विद्यालयों की 03 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह रू0 4000/- की दर से कुल रू0 12000/- की धनराशि प्रतिवर्ष वैध संरक्षक जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो, के बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी तथा उक्त धनराशि कक्षा-12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले ही देय होगी। उनको 18 वर्ष की आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रू0 4000/- की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे को औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।

यह भी बताया गया कि प्रदेश सरकार ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु रू0 1,01,000/- (एक लाख एक हजार) की राशि उपलब्ध करायेगी। इसी क्रम में आज जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन एवं मा0 विधायक सदर गौरी शंकर वर्मा, मा0 विधायक कालपी नरेन्द्र पाल सिंह जादौन, मा0 विधायक माधौगढ़ मूलचन्द्र निरंजन द्वारा जनपद जालौन में इस योजना के अन्तर्गत स्वीकृत कुल 25 बच्चों में से 5 बच्चों को एनआईसी हाॅल में स्वीकृति प्रमाण पत्र एवं फलो की टोकरी तथा अन्य सामान प्रदान किये गये। शेष बच्चों को उनके घरों पर भेजने की कार्यवाही की जायेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 अभय कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट/जिला प्रोबेशन अधिकारी गुलाब सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए शिवाकांत द्विवेदी मौजूद रहे।

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