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यूपी बजट 2023-24 में दलितों, आदिवासियों को पिछले साल से भी कम मिला बजट : कुलदीप बौद्ध

दूसरे राज्यों की तरह यूपी में भी बनाया जाये एससीपी/टीएसपी कानून

उरई/जालौन। बजट सत्र 2023 – 24 के लिए यूपी (योगी 2.0) सरकार के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना जी द्वारा विधान सभा में पेश किये गए बजट में दलितों, आदिवासियों के लिये क्या..? उन्हें कितना बजट मिला ? दलितों के लिए विशेष घटक योजना व आपदा और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए क्या बजट आवंटन किया गया इसके बजट विश्लेषण के साथ बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, नेशनल दलित वाच, एनसीडीएचआर द्वारा गणेशधाम, उरई-जालौन में मीडिया संवाद/ प्रेस कांफ्रेंस व चर्चा की गयी।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस साल के भारी भरकम बजट 690242.43Cr. जो विधान सभा में पेश किया गया का एससीपी./टीएसपी.के विशेष सन्दर्भ में बजट विश्लेषण करते हुए बजट के अधिकार पर काम करने बाले रिसर्सर, दलित एक्टिविस्ट व बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि वित्त राज्यमंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने रु 690242.43 करोड़ का बजट पेश किया है, उसमे कुल स्कीम बजट 256216.68 करोड़ है। इस वर्ष के बजट में दलितों (अनुसूचित जाति) के लिए SC बजट के अंतर्गत 24456 करोड़ रूपये दिए है, जो की पिछले साल से 13119 करोड़ रूपये कम है। इस साल के लिए जो 24456 करोड़ रूपये दिए है उसमे कुल टारगेटिड स्कीम में 7833 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 16623 करोड़ रुपये जारी किया है। जबकि पिछले साल के बजट में अनुसूचित जाति के लिए SC बजट के अंतर्गत 37575 करोड़ रूपये दिए गए थे, जिसमें कुल टारगेटिड स्कीम में 9847 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 27728 करोड़ रुपये था।

इस साल के बजट में 99 स्कीमों जो नॉन टारगेटिड स्कीमे है 3341.91 करोड़ रूपये का एक तरह से सीधा डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है, जैसे- राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों के कार्यों हेतु 403.80 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी में 400 करोड़, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्स्फ्राटेक्चर मिशन अंतर्उगत चिकित्सालयों का सुन्रदरीकरण 356.44 करोड़, राज्य मार्गों के चौडीकरण, सुद्रीकरण 403.80 करोड़, राजकीय होमोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना 282.09 करोड़ इत्यादि यह सीधे तौर और एससीपी/टीएसपी गाइड लाईन का उल्लंघन है, इस पैसे से कई दलित परिवारों का सशक्तिकरण किया जा सकता था। वही इस साल के बजट में 69 टारगेटि स्कीमें अच्छी है जो सीधे तौर पर दलितों को लाभ पहुचाती है लेकिन उसमे कुछ स्कीमों में बजट बहुत ही कम दिया गया है। जैसा स्कॉलरशिप व छात्रावास स्कीम इत्यादि।

पूरे देश में दलित के बजट के लिए एससीपी टीएसपी गाइड लाइन है जो प्रदेशों में भी लागु होती है, जो पिछले 42 सालों से आई है उसका हिसाब लायेंगे तो बहुत बड़ा आंकड़ा सामने आयेगा? कुछ राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका में इसका अलग से कानून है लेकिन यूपी में इसका कानून नहीं है जिसकी मांग पिछले कई सालों से दलित संगठन करते आ रहे है, अगर इस वर्ष ही गाइड लाइन के हिसाब से पैसा दलितों के लिए दिया गया होता तो कम से कम 1 लाख से ज्यादा दलित भूमिहीन परिवारों जमीन खरीद कार दी जा सकती, लाखों दलित युवाओं को रोजगार दिया जा सकता, लाखो दलित स्टूडेंट को स्कालरशिप देकर उनकी पढाई जारी रह सकती, मैला ढ़ोने बाले परिवारों का स्थाई पुनर्वासन हो सकता, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत सुखा व आपदा से मुक्त किया जा सकता ? अभी टीम द्वारा यह प्राथमिक बजट अनालिसिस किया गया है विस्तृत व विभागवार एवं योजनाबार बजट का विश्लेषण कर जल्द ही सभी के सामने लाया जायेगा व अभी विधानसभा सत्र चल रहा है, इस दौरान विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक लीडरों के साथ संवाद व परिचर्चा की जायेगी और उस पर पैरवी की जाएगी।

यूपी बजट 2023-24 पर टिप्पणी करते हुए मंच के साथी नत्थी चौधरी, ललितपुर ने कहा की सरकार सबका साथ सबका विकास की सिर्फबातें ही करती है बजट उस हिसाब से नहीं देती है महिलाओं के लिए बड़े बड़े बादे करती है लेकिन बजट में दलित महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है, मधु अनुरागी ने कहा की महिलाओं व लड़कियों और फोकस स्कीम बनानी चाहिये, जलवायु परिवर्तेतन एवं आपदा निवारण समिति के सदस्य गोबिंददास जी सिकरी ब्यास ने कहा की बुंदेलखंड आपदा ग्रसित क्षेत्र है बजट में उस पर ज्यादा फोकस व स्कीमें बनानी चाहिए, नंदकुमार बौद्ध ने पलायन गये मजदूरों के कल्याण के लिए बजट की बात कही वही स्टूडेंट लीडर सचिन, ज्योति यादव ने बजट व छात्रवृत्ति के बारे में बात कही। इस दौरान कुलदीप कुमार बौद्ध, मधु अनुरागी, नत्थी चौधरी, गोविन्द दास, ज्योति यादव, बलवीर, सचिन चौधरी, गोविन्द पाल आदि उपथित रहे।

उ.प्र. 2023-24 बजट (दलित बजट हाईलाईटस) :
▪️ उत्तर प्रदेश सरकार का सत्र 2023–24 का कुल बजट – 690242.43 करोड़ है।
▪️ वित्तमंत्री सुरेश खन्ना जी के बजट स्पीच के अनुसार यूपी सरकार का कुल स्कीम(योजना) बजट – 256216.68 करोड़ है।
▪️ इस वर्ष अनुसूचित जाति के लिए SCC के अंतर्गत जारी कुल बजट – 24456 करोड़ रूपये है, जबकि पिछले साल सरकार ने 37575 करोड़ रूपये दिए थे, जो की पिछले साल से 13119 करोड़ रूपये कम है।
▪️ एससीपी/टीएसपी गाइड लाईन के हिसाब इस साल के यूपी बजट में SC को 20.70% के हिसाब से 53037 करोड़ रूपये मिलने चाहिए थे लेकिन सिर्फ 9.55% यानी की 24456 करोड़ रूपये ही दिया गया है, इस हिसाब से इस साल 11.15% यानी की 28851 करोड़ रूपये कम दिया है, जबकि पिछले साल के बजट में फिर भी 13.45% यानी की 37575 करोड़ रूपये मिला था, इस साल के बजट में तो सिर्फ 9.55% दिया है, इस हिसाब से इस साल के बजट में दलितों को नजरअंदाज किया गया है।
▪️ इस वर्ष के बजट में अनुसूचित जाति के लिए SC बजट के अंतर्गत- 24456 करोड़ रूपये दिये है, जिसमें कुल टारगेटिड स्कीम में 7833 करोड़ दिया है जबकि नॉन टारगेटिड स्कीम में 16623 करोड़ रुपये दिया है।
▪️ इस साल के बजट में 99 स्कीमों जो नॉन टारगेटिड स्कीमे है 3341.91 करोड़ रूपये का एक तरह से सीधा डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है, जैसे राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों के कार्यों हेतु 403.80 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी में 400 करोड़, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्स्फ्राटेक्चर मिशन अंतर्उगत चिकित्त्सालयों का सुन्रदरीकरण 356.44 करोड़, राज्य मार्गों के चौडीकरण, सुद्रीकरण 403.80 करोड़, राजकीय होमोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना 282.09 करोड़ इत्यादि।
▪️ इस साल के बजट में बहुत ही कम सकीम ऐसे है जिनसे दलितों को सीधा लाभ पहुंचेगा।
▪️ सरकार की कुछ अच्छी स्कीम जिसके लिए धन्यवाद लेकिन उनमे बजट बहुत ही कम दिया गया है।

हमारी माँग है :
1- उत्तर प्रदेश में भी कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश की तरह अनुसूचित जाति घटक और अनुसूचित जनजाति घटक को कानून बनाया जाये।
2- इस वर्ष 2023-24 के बजट की धनराशी को जो दुसरे मदों में डायवर्जन की गई है उसे वापस किया जाये।
3- दलितों के सीधे विकास के लिए योजनायें बने जाये जिससे दलितों का सीधा विकास हो व एससीपी./टीएसपी. गाईड लाइन का पूर्णतया अनुपालन किया जाये।
4- आपदा व जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए विशेष बजट का प्रावधान हो व दलित बंचित समुदाय के लोगों का पुनर्वासन एव राहत के समय विशेष ध्यान दिया जाये।

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