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नगर पालिका के पूर्व कर्मचारी ने शुरू किया आमरण अनशन

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी नहीं मिली नौकरी और न ही किया बकाया वेतन का भुगतान

कालपी (ज्ञानेंद्र मिश्रा) नौकरी पर रखने तथा बकाया वेतन के भुगतान को लेकर नगर पालिका का पूर्व कर्मचारी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है उसने पालिका परिषद के जिम्मेदारों पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी उसे 16 बरसों से सेवा से बाहर करने का आरोप लगाया है।

तहसील परिसर में आमरण अनशन पर बैठे पालिका के पूर्व कर्मचारी रामदास तिवारी के अनुसार उसने नगर पालिका परिषद में 1989 से विद्युत लाइनमैन पद पर काम शुरू किया था। लेकिन वर्ष 1991 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष ने उसे सेवा से बाहर कर दिया था। जिसके चलते उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और हाईकोर्ट ने उसे बहाल कर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार तथा नगरपालिका अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से सेवा में लेने के आदेश दिए थे। जिसके चलते वह वर्षों तक नगर पालिका परिषद में अपनी सेवाएं देता रहा जिसका वेतन भी पालिका परिषद ने दिया है। लेकिन वर्ष 2006 में पालिका परिषद के जिम्मेदारों ने उसका वेतन रोक दिया था तथा यह कहकर कि उसके दस्ताबेज फर्जी है। इसलिए अब उसे सेवा में नहीं रखा जा सकता है हालाकि पालिका परिषद के जिम्मेदारों द्वारा उसे किसी प्रकार का सेवा समाप्त का नोटिस नहीं दिया गया है। जिसके चलते वह उनके खिलाफ अदालत भी नहीं जा सका है न ही उन्होंने हाईकोर्ट के 1993 के आदेश को चुनौती दी है आमरण अनशन पर बैठे पालिका के पूर्व कर्मचारी रामदास तिवारी के मुताबिक वह लगातार 16 साल से प्रशासनिक अधिकारियों से सेवा में बहाली के लिए आरजू मिन्नतें कर रहा था लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। उसके मुताबिक नौकरी से निकाले जाने के बाद उसका घर चलाना मुश्किल हो गया है और शासन से मिलने वाले 10 किलो चावल गेहूं से परिवार का भरण पोषण हो रहा है सूत्रों की माने कहीं से उम्मीद न दिखने पर गत दिनों उसने सभी प्रशासनिक जिम्मेदारों को पत्र भेजकर नौकरी न मिलने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी थी और मंगलवार से उसने तहसील परिसर में अनशन शुरू कर दिया है हालांकि अनशन के पहले दिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस मामले में कोई तवज्जो नहीं दी है। इस संबंध में जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन किशोर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है क्योंकि उन्होंने 1 माह पहले ही यहां का अतिरिक्त चार्ज लिया है हालांकि उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा है तो वह जानकारी करेंगे फिलहाल उसके आमरण अनशन का प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो वक्त की बात है लेकिन उसके अनशन पर बैठने से लोग तरह-तरह की चर्चा करने लगे है।

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