वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ रामलीला का स्टेज पूजन, शुरू हुई रंगमंच की साज सज्जा

कोंच (पीडी रिछारिया)। आगामी 21 सितंबर से प्रारंभ हो रहे कोंच की ऐतिहासिक रामलीला के 170वें महोत्सव के क्रम में सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्टेज पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके साथ ही रंगमंच की साज सज्जा का काम भी शुरू हो गया है। वस्तुत: ये कार्यक्रम रामलीला की सबसे महत्वपूर्ण उपसमिति सीनरी विभाग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सीनरी विभाग के कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से रंगमंच निर्माण में जुट गए हैं।
कोंच धर्मादा रक्षिणी सभा द्वारा संचालित कोंच की 170 वर्ष पुरानी रामलीला के मौजूदा महोत्सव-2022 के शुरुआती अनुष्ठानों के क्रम में सोमवार को पूर्वान्ह पं. संजय रावत द्वारा वेद मंत्रों के बीच स्टेज पूजन का कार्यक्रम संपादित कराया गया जिसमें होता की भूमिका में सीनरी विभाग के चौधरी पवन अग्रवाल ने दायित्व निभाए। स्टेज पूजन के साथ ही सीनरी विभाग ने मंच सज्जा का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस मौके पर संतोष तिवारी, रमेश तिवारी, केशव बबेले, अतुल चतुर्वेदी, रामलीला समिति के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, मंत्री संजय सोनी, कोषाध्यक्ष सुधीर सोनी, अमित अग्रवाल, रामविहारी सोहाने, रामबाबू राठी, गौरीशंकर अग्रवाल, मुन्नालाल लोहे वाले, चंद्रशेखर नगाइच, भोले अग्रवाल, गुड्डन पाटकार, रमेश अग्रवाल, रामसहाय सेठ, रानू माली आदि मौजूद रहे। इसके अलावा आज भगवान के वस्त्रों को वेंतने (नाप लेने) का भी मुहूर्त था सो कृष्ण कुमार बजाज की दुकान पर पांचों मूर्तियों (राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और सीता के सजीव श्रीविग्रहों) को ले जाकर उनके नाप दिलवा कर पोशाक कि मुहूर्त किया गया।
मूर्तियों का कर लिया गया है चयन –
कोंच की विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक और अनुष्ठानी रामलीला में एक एक विंदु को परंपराओं और अनुष्ठानों के दायरे में बांधा जाता है। राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और सीता का रोल निभाने वाले बालकों को पूरी रामलीला भर मूर्तियां कह कर संबोधित किया जाता है। पांचों मूर्तियां ब्राह्मण बालक होते हैं और मूर्ति चयन कमेटी ऐसे विद्यालयों में जाकर मूर्तियों का चयन करती है जिन विद्यालयों में सनातन संस्कृति और संस्कारों पर जोर रहता है। बहरहाल, पांचों मूर्तियों का चयन कर लिया गया है। राम राघव तिवारी, लक्ष्मण मारुति नंदन, भरत गोपाल चचौदिया, शत्रुघ्न अक्षत मिश्र और सीता निखिल उपाध्याय चुने गए हैं। ये सभी बालक आठ से दस बारह साल उम्र वय के हैं।