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पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित भाजपा छोड़ सपा में हुए शामिल

उरई (जालौन) उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां ब्राह्मण वर्ग को साधने में लगी है। जिसमे सभी पार्टियां अपने अपने तरीके से विशाल जन सभायें कर उनके सम्मान की बात करते दिख रहीं हैं और अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी में शामिल होने का न्योता दे रही हैं। लेकिन अगर जनपद जालौन की बात की जाए तो यहाँ का प्रबुद्ध वर्ग धीरे धीरे साईकिल पर सवार होता हुआ दिख रहा है। क्योंकि इससे पहले काँग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता एवं पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी एवं उनका बेटा अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए जबकि इससे पहले पूर्व राज्य मंत्री हरिओम उपाध्याय भी गोपनीय तरीके से सपा में शामिल हुए थे। इस आधार पर कहा जा सकता है कि अब सपा में ब्राह्मण का रुझान होने लगा है।

आपको बता दें कि हाल ही में अगस्त माह में ब्राह्मणों को एक जुट करने के कयास में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन किया था। क्योंकि जनपद में लगभग 169000 मतदाता ब्राह्मण समाज के हैं। और प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में ब्राह्मण समाज ने बढ़ चढ़कर हिस्सा भी लिया था। इससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि जनपद जालौन की तीनों सीटों में किसी एक सीट पर ब्राह्मण समाज को सम्मान जरूर मिलेगा। लेकिन प्रबुद्ध वर्ग को सम्मान न मिलने पर धीरे-धीरे प्रबुद्ध वर्ग सपा की ओर अपना रुख बनाने लगा।

इसी क्रम में मंगलवार 19 अक्टूबर को ब्राह्मण समाज के कद्दावर नेता एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित ने साईकिल पर सवार होकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष सपा का दामन थाम लिया। इससे पहले भी भाजपा छोड़कर पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष पार्टी की सदस्यता ली थी। जनपद में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाने वाले पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी भी सपा में शामिल हो चुके हैं और इनके साथ कई ब्राह्मण समाज के लोग सपा में जा चुके है। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर बहुजन समाज पार्टी ब्राह्मण समाज को सम्मान देती है तो जिले की तीनों सीटों पर बसपा का परचम लहराना तय माना जा रहा था। लेकिन प्रबुद्ध वर्ग को सम्मान न मिलने से वह समाजवादी पार्टी की ओर अपना रुख बना रहा है। लोगों को कहना है कि प्रबुद्ध वर्ग को टिकट न देना बसपा को भारी भी पड़ सकता है।

ब्राह्मण समाज का भाजपा कांग्रेस एवं बसपा से मोह धीरे धीरे भंग होता जा रहा है जिसका खमियाजा आगामी विधान सभा के चुनाव में देखने को मिलेगा। फिलहाल सुदामा के सपा में शामिल होने से समाजवादियों सहित ब्राह्मण समाज में खुशी की लहर है जोकि समाजवादी पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।

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