जिले में जालौन सीएचसी में ‘मन चेतना दिवस’ की शुरुआत

उरई/जालौन। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब प्रत्येक गुरुवार को जनपद के दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ‘मन चेतना दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन मनोरोग चिकित्सक अस्पताल में मानसिक रोगों से ग्रसित मरीजों की जांच कर उन्हें उचित परामर्श देंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार को सीएचसी जालौन से की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मानसिक अवस्था के मरीजों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाना है।
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद के प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग के चिकित्सकों को मानसिक रोगियों के इलाज के लिए प्रशिक्षित किया गया है। निकट भविष्य में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और ब्लाक स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मन चेतना दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। फिलहाल प्रथम चरण में जनपद के जालौन सीएचसी को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है। जहां प्रत्येक गुरुवार को इस कार्यक्रम का आयोजन होगा और मनोरोग में प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर द्वारा उन्हें परामर्श और दवाएं दी जायेगी मानसिक रोगों को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया जाएगा। गुरुवार को जालौन सीएचसी में चिकित्सा अधीक्षक डा. मुकेश कुमार व डॉ. राजीव दुबे ने करीब 28 मरीजों की जांच की। अधिकांश मरीजों को नींद न आने, याददाश्त कम होने की शिकायत की। मरीजों को पंपलेट्स भी बांटे गए।
जिला अस्पताल के साइकेट्रिक सोशल वर्कर दिनेश सिंह ने बताया कि आत्महत्या की प्रवृत्ति काफी बढ़ी है। इस पर रोक लगाने को लेकर मन चेतना दिवस की शुरुआत हुई है। जल्द ही जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीमें मानसिक रोगों से ग्रसित मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें उचित परामर्श और दवाएं देंगी। उन्होंने बताया कि मानसिक रोगों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं, जिन्हें दूर करना बहुत आवश्यक है। अक्सर लोग मानसिक रोग से ग्रसित होते हैं मगर इलाज कराने में संकोच करते हैं। मानसिक रोगों के कई प्रकार हैं और समय से उपचार कराया जाए तो इसे दूर किया जा सकता है। किसी किस्म की मानसिक समस्या होने पर जनपद की मानसिक स्वास्थ हेल्प लाइन नंबर 8738830715 पर संपर्क किया जा सकता है।