ऐसे झूम के बरसे बदरा कि सब कुछ पानी पानी हो गया
कोंच (पीडी रिछारिया) भीषण उमस और गर्मी से दो दो हाथ कर रहे लोगों को उस वक्त राहत सी महसूस हुई जब उमड़ घुमड़ कर आये बादलों ने झमाझम बारिश शुरू कर दी जिसके चलते नाले नालियां और रास्ते एक हो गए, लेकिन जब बरस कर बदरा निकल गए तो लोगों को ऐसा लगा जैसे उन्हें किसी ने तपती भट्ठी में झोंक दिया हो। घंटों से गुल बिजली ने तो कोढ में खाज जैसा काम किया। हालांकि यह स्थिति कुछ देर ही रही क्योंकि थोड़ी ही देर बाद बारिश फिर से जब शुरू हुई तो ऐसी मूसलाधार हुई कि सब कुछ पानी पानी हो गया। इसके अलावा किसानों के चेहरे जरूर खिल गए, इस बारिश ने खरीफ की बुबाई की उम्मीद किसानों में भर दी है।
पिछले कुछ दिनों से उमस भरी गर्मी ने नागरिकों को हलकान करके रख दिया था। गुजरे दो-तीन दिनों से भीषण उमस में लोग बुरी तरह बिलबिला रहे थे, लेकिन बुधवार की शाम अचानक आसमान बादलों से घिर गया और देखते ही देखते मूसलाधार बारिश शुरू हो गई जिससे लोगों को काफी राहत महसूस हुई। इस बारिश ने नाले नालियों से लेकर सड़कों तक सब कुछ एक कर के रख दिया जिसके चलते आवागमन भी काफी देर तक बाधित रहा। हालांकि यह कमोवेश पहली ठीक-ठाक बारिश थी जो कुछ ही देर तक रही और जब रुकी तो धरती से उठने बाले भभके ने लोगों का बुरा हाल करके रख दिया। जल भराव की सबसे ज्यादा खराब स्थिति मेन रोड पर ऐतिहासिक स्मारक चंदकुआं के पास और सर्कुलर रोड पर सागर तालाब के पास रही। बिजली भी घंटों गुल रही जिसके चलते लोगों की हालत पतली कर के रख दी। इस बारिश ने किसानों के चेहरे जरूर खिला दिए हैं, राकेश पाठक छानी का कहना है कि फिलहाल इतना पानी हो गया है कि खरीफ की फसल की बुबाई का रास्ता साफ हो गया है।