श्मशान घाट की बदहाल तस्वीर आई सामने, टेंट लगा कर करना पड़ा बुजुर्ग का अंतिम संस्कार

कोंच। 21वीं सदी में विकास के तथाकथित तेज पहियों के बीच ऐसे भारत की भी तस्वीरें हैं जो न केवल शर्मसार करने बाली हैं बल्कि विकास के दावों की पोल भी खोल रहीं हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बारिश के मौसम में दिवंगत हुए एक बुजुर्ग का अंतिम संस्कार टेंट लगा कर इसलिए करना पड़ा कि गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए छाया के प्रबंध नहीं हैं। मामला तहसील क्षेत्र के ग्राम वरोदा कलां का है।
ग्रामीण इलाकों में टेंट लगाकर शादियां कराने का चलन आम है, लेकिन जब अंतिम संस्कार में टेंट लगाना पड़े तो कान खड़े होना लाजिमी है। कोंच तहसील क्षेत्र के ग्राम वरोदा कलां में ग्रामीणों को टेंट लगाकर एक दिवंगत बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा है। यह स्थिति बताती है कि कहीं न कहीं गांव में विकास के दावे खोखले हैं और यह घटना विकास की पोल खोलने बाली है। आपको बता दें कि ग्राम बरोदा कला में गुरुवार को 65 वर्षीय एक बुजुर्ग जगदीश अहिरवार का बीमारी के चलते निधन हो गया था। गांव में श्मशान घाट के लिए जगह तो आवंटित की गई है लेकिन वह जगह खेत जैसी नजर आती है और श्मशान घाट में कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था। तब दिवंगत बुजुर्ग के परिजनों ने श्मशान घाट पर टेंट लगवाया और उसके ऊपर टीन शैड डाला गया तब कहीं जाकर अंत्येष्टि संस्कार संपन्न हो सका। गौरतलब है कि इस समय बारिश का मौसम चल रहा है, ऐसे में निश्चित तौर पर अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्थाएं होनी चाहिए, लेकिन इस वरोदा कलां गांव में श्मशान घाट में कोई काम ही नहीं कराया गया जिसके चलते बारिश के दौरान ग्रामीणों को टेंट लगाकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम का किसी ने वीडियो भी बना लिया जो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद बड़ा सवाल तब खड़ा हो रहा है जब सूबे की मौजूदा योगी सरकार ने श्मशान घाटों के सुंदरीकरण के लिए तमाम बजट ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया है। गांव के वीर सिंह, चरण सिंह सहित कई ग्रामीणों ने बताया है कि गांव में श्मशान घाट में कोई उचित व्यवस्था नहीं है जिससे बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार में काफी दिक्कतें आती हैं।