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अवैध सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने के लिए सुगम साधन बनता जा रहा टूर ट्रेवेल्स की लग्जरी बसें

जिम्मेदारों की लापरवाही से फलफूल रहा अवैध कारोबार, बेख़ौफ़ हुए लग्जरी बसों के मालिक

कालपी (अमित गुप्ता) प्रशासनिक अमला सिर्फ शराब, गाजा, सट्टा सहित अन्य कार्यो पर शिकंजा कस रहे है लेकिन ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नगर सहित पूरे जिले में लग्जरी बसों द्वारा अवैध सामानों की आवाजाही पर रोक नहीं लग पा रही है। इसका मुख्य कारण साफ है कि कई प्रदेशों और जनपदों से आने वाली लग्जरी बसों पर कोई जिम्मेदार अधिकारी अपनी नजरे टेढ़ी नहीं करता है इसी का फायदा उठाकर अवैध कार्य करने वाले व्यापारी इन बस चालको का सहारा लेते हैं और भारी भरकम रकम इन बस वालों को देकर प्रतिबंधित सामान एक जगह से दूसरे जगह पहुँचाते हैं अगर कभी प्रशासन ईमानदारी के साथ इन लग्जरी बसों की चेकिंग करे तो निश्चित तौर पर बड़ा मामला सामने आ सकता है।

फिलहाल प्रशासनिक कार्यवाही न होने के चलते जोल्हूपुर मोड़ से लेकर कालपी में खुले इन लग्जरी बसों के ऑफिसों के संचालको के हौसले बुलंद हैं। कालपी से जोल्हूपुर मोड़ तक दर्जनों ऑफिस खुले हुये है ये ऑफिस न तो सरकार की गाईड लाइन का पालन करते हैं और न ही मानकों पर खरे उतरे रहे हैं। इन ट्रैवल्स बसों की मनमानी सरकार पर भारी पड़ रही है सूत्रों की माने तो जिम्मेदार इन ट्रेवल्स के खुले ऑफिसों से सुविधा शुल्क लेते है। जिससे इस गोरखधंधे के कारण रोडवेज बसों को प्रति दिन लाखो रुपये का नुकसान हो रहा है। सब कुछ नजरो के सामने होने के बाद भी परिवहन विभाग के जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे हैं। जबकि हालत तो यह है कि सड़क पर कुर्सी डालकर और एक बोर्ड लगाकर अवैध तरीके से ऑफिस खोलकर बैठे हैं। इन कार्यालयों में अधिकाशतः दबंग लोग बैठाये जाते है जो समय पर सवारियों से जूतमपैजार करने से नही चूकते।

हम बात कर रहे है इन मौत रूपी लग्जरी बसों की जो लगेज के नाम पर इन लग्जरी बसों की छत पूरी तरह से माल से भरी रहती है और उस पर तिरपाल बंधा होता है जिसकी वजह से कुछ पता नहीं चलता कि लग्जरी बसों की छतो पर क्या सामान रखा है ये लग्जरी बसे भोपाल, इंदौर, दिल्ली, अहमदाबाद, गुजरात, सूरत, कानपुर, कोटा आदि कई प्रदेशों औऱ जनपदों से आती है जिसके चलते जरूरी हो जाता है कि इन लग्जरी बसों की चेकिंग की जाये लेकिन ये सम्भव नही है क्योंकि प्रशासनिक अमले की इन ट्रेवल्स वालों से यारी होने के चलते कभी भी इन बसों की चेकिंग नही की जाती है।

आख़िर इन बसों में कुन्तलों से ज्यादा जो सामान आता है वह क्या है तभी तो चेकिंग न होने के चलते अवैध कार्यो को करने वाले व्यापारी इसका पूरा लाभ उठा रहे है। इन बसो में प्रतिबंधित सामान एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश एक जनपद से दूसरे जनपद भेजते रहते हैं थोड़ी सी लापरवाही के चलते एक पल में प्रतिबंधित सामानों की खेप जहाँ की है वहाँ तक जाती है अब ऐसी परिस्थितियों में पुलिस भी किस तरीके से प्रतिबंधित सामानों की बिक्री पर अंकुश लगाये।

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