सपा जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी से निष्कासन के मामले में सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष ने की प्रेसवार्ता

उरई। जिले में समाजवादी पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह अब किसी से छिपा नहीं है। जिस प्रकार से प्रदेशी आवाहन पर 15 जुलाई को जनपद जालौन के उरई कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन के दौरान हो रहे भाषण के बीच किसी बात को लेकर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष एवं पार्टी से ही सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष जयदेव सिंह यादव से किसी बात पर कहा सुनी हो गई। जिसके बाद उक्त खबर जंगल में लगी आग की तरह जनपद सहित प्रदेश स्तर तक फैल गई। जिसके बाद जिला अध्यक्ष नवाब सिंह यादव ने आनन-फानन में पार्टी के दो कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए पार्टी निष्कासन का लेटर जारी कर दिया। जिसके बाद उक्त मामला पूरे जनपद में चर्चा का विषय बन गया। जिसमें सपा जिला अध्यक्ष नवाब सिंह यादव ने पार्टी के प्रति विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने एवं पार्टी हितों के विरुद्ध आचरण करने का आरोप लगया। जिसके बाद सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष जयदेव सिंह यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से जनपद की मीडिया के साथ प्रेसवार्ता की घोषणा की और आज 17 जुलाई 2021 दिन शनिवार को जयदेव सिंह यादव अपने साथियों के साथ पार्टी कार्यालय पहुँचे तो उन्हें पार्टी कार्यालय में ताला लगा मिला। जिसके बाद कार्यलय की देखभाल करने वालों को ताला खुलवाने के लिए काफी फोन किये पर किसी ने ताला नहीं खुलवाया। जिसके उपरांत उन्होंने पार्टी कार्यालय के गेट के बाहर ही पत्रकारों के साथ प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्हें पार्टी से निष्कासन का कोई नोटिस नहीं दिया गया साथ ही जयदेव सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने का कोई अधिकार नहीं है तो फिर कैसे पार्टी निष्कासन का आदेश जारी कर सकते हैं। प्रेस वार्ता के दौरान यह भी कहा कि मैं इस मामले की शिकायत हमारे प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल सत्यवीर सिंह के समक्ष पहुंचकर उनके सामने की जाएगी। साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश सिंह यादव से मुलाकात कर जिला अध्यक्ष द्वारा किए गए इस कार्य को बतलाया जाएगा। इस दौरान सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष जयदेव सिंह यादव के अलावा जितेंद्र फौजी, सूबेदार रामदीन सिंह, सूबेदार मेजर भूरे सिंह चौहान, हवलदार मधुसूदन सिंह परिहार, आमिर फरीदी, आरिफ तालाब, समर काजी, शशिकांत वर्मा, रमन सोनकर, धीरेंद्र यादव, राम रतन प्रजापति, अशोक गुप्ता, शिवदास, अमरीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।