चुनाव जीतने से पहले ही जिंदगी से जंग हार गया बीडीसी प्रत्याशी

उरई। कहते हैं कि होनी को कोई नहीं टाल सकता। जो किस्मत में लिखा है वह तो होगा ही लेकिन कभी कभी कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं जिन्हें जो कोई भी सुनता है वह सुनकर आवाक ही रह जाता है। एेसा ही एक वाकया त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान विकास खंड कुठौंद में देखने को मिला जहां क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहा एक प्रत्याशी जीत का सेहरा सिर पर सजने के पहले ही मौत के आगोश में समा गया। उसे जीत तो मिली लेकिन उस जीत पर कोई खुशी जाहिर करे भी तो कैसे जब जीतने वाला प्रत्याशी ही उनके बीच नहीं है।
विकास खंड कुठौंद की नकेलपुरा भोजापुर सीट से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे राजेंद्र ने चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया था। नामांकन करने से पहले से ही वह मतदाताओं में अपनी पैठ बनाने में जुटे थे और नामांकन करने के बाद तो उन्होंने अपनी जीत के लिए कोई कसर नहीं रख छोड़ी। धीरे धीरे वह दिन भी आ गया जब मतदान होना था और लोगों ने जमकर उनके पक्ष में वोट भी डाले। अभी मतगणना में पांच दिन शेष ही थे कि उन पर काल की एेसी मार पड़ी कि वह अपनी मेहनत का नतीजा आने से पहले ही इस दुनिया से चल बसे लेकिन कहा जाता है कि किसी के जाने से दुनिया नहीं रुकती और हुआ भी वैसा ही। मतगणना का दिन भी आ गया और चुनाव के परिणाम भी सबके सामने उजागर हो गया। राजेंद्र को चुनाव में तो जीत मिल गई लेकिन जिदंगी की जंग हार जाने की वजह से उनकी यह जीत बेस्वाद होकर रह गई। उनके समर्थक और परिवार वालों तक के पास अब इस जीत पर कहने के लिए कुछ नहीं है जब जीत हासिल करने वाला व्यक्ति ही उनके बीच नहीं रहा। बताया जाता है कि प्रत्याशी की मृत्यु हो जाने के कारण अब इस सीट पर दोबारा चुनाव होगा।