मरीज की चल रही थी सांसें, लेकिन डाक्टरों ने बगैर देखे ही कारोबारी को मृत घोषित कर दिया

कानपुर। कोरोना के खतरनाक रूप ने हाहाकार मचाया हुआ है। सिस्टम की नाकामी से लोग इलाज के लिए तरस रहे है। स्वास्थ सेवायें फेल साबित हो रही है, साथ ही संसाधनों का अभाव है। जिसके चलते मरीजों की सांसें थम रही है।
मंगलवार दोपहर को विनोबा नगर के रहने वाले कारोबारी जीतेन्द्र सिंह (48) को गंभीर हालत में उनकी पत्नी अंजना, बेटा अभय और भतीजा हिमांशु हैलट इमरजेंसी लेकर पहुँचे। बेटे अभय के मुताबिक़, उनके पिता को सांस लेने में दिक्क्त आ रही थी। जब यहां लेकर पहुंचे तब पिता की सांसें चल रही थी। बेटे का कहना था कि, हद तो तब हो गयी जब बगैर देखे डाक्टरों ने पिता को मृत घोषित कर दिया। हालांकि, उसके कुछ देर बाद ही कारोबारी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। पिता की मौत से दु:खी बेटा और मृतक की पत्नी के सब्र का बाँध टूट गया। डॉक्टरों के रवैये से आक्रोशित दोनों ने ही हाँस्पिटल के बाहर ही सिस्टम और सरकार को जमकर कोसा। (न्यूज़ एजेंसी)