बोर्ड बैठक में पारित किये गये प्रस्ताव के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन

उरई। नगर पंचायत कदौरा में नगर पंचायत अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी द्वारा कदौरा में मुस्ताकुल हसन के नाम पर मार्केट बनाने का बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पास करने से नाराज बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपते हुए विरोध किया तथा उक्त प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करने की मांग की।
बजरंग दल पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए बताया कि 15 अगस्त 1947 को भारत पूर्ण स्वतंत्र हो गया था। इसके बाद भी परतंत्र भारत में कदौरा नवाव रहे नवाब मुस्ताकुल हसन जो हैदराबाद के निजाम का वंशज थें। उन्होने 24 जनवरी 1950 तक कदौरा स्टेट को भारत में विलय नहीं किया था। नबाब ने कदौरा बावनी स्टेट में उस समय तिरंगा झंडा फहराने पर जबरन रोक लगा दी थी। मगर देश की स्वतंत्रता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों को अधिक समय से यह स्वीकार नहीं हुआ और 25 सितम्बर 1947 को क्रांतिकारियों ने कदौरा क्षेत्र के ग्राम हरचन्द्रपुर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर उत्सव मनाने की तैयारी की थी। जिसकी सूचना नबाव कदौरा को मिलते ही नबाब ने अपनी पुलिस भेजकर अंधाधुंध गोलियां चलवाई। जिसमें 11 क्रांतिकारियों की निर्मम हत्या की गई तथा कई क्रांतिकारी घायल हुए। यह घटना जलियांवाला बाग काण्ड की तरह था। जिसका शहीद स्मारक आज भी हरचन्द्रपुर में स्थापित है।
क्रान्तिकारियों के हत्यारे देश के गद्दार के नाम पर बाजार बनाने का प्रस्ताव नगर पंचायत द्वारा 8 मार्च को की गई बोर्ड मीटिंग में पारित किया गया। जो अध्यक्ष एवं अधिशाषी अधिकारी की देशद्रोही मानसिकता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि उक्त देश विरोधी प्रस्ताव को तत्काल निरस्त किया जाये तथा अध्यक्ष/ईओ के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। इस मौके पर मोनू पण्डित, अभिषेक गांगुली, अभिषेक प्रजापति, प्रसून ठाकुर, ज्ञानदीप सोनी, सौरभ कुशवाहा, विशाल ठाकुर, आदित्य ठाकुर, विनय प्रताप, मनीष जादौन सहित अनेक लोग मौजूद रहे।