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जर्जर हालत में पहुंची पचास साल पहले बनी क्षेत्राधिकारी कार्यालय की इमारत

कोंच वक्त के थपेड़ों के साथ पुलिस क्षेत्राधिकारी कोंच के कार्यालय की हालत काफी खराब हो चुकी है। इसकी दरारें खा चुकी इमारत में बैठ कर काम करना काफी जोखिम भरा है जिसके चलते इस कार्यालय में बैठने बाले पुलिस स्टाफ को हमेशा यह भय सताता रहता है कि इमारत अब गई कि तब गई। इसकी हालत देख क्षेत्राधिकारी राहुल पांडे पहले ही विभागीय उच्चाधिकारियों को लिख कर बता चुके हैं कि कार्यालय को दूसरे भवन की दरकार है। सीओ के पत्र को अधिकारियों नेे काफी गंभीरता से लिया है जिसके चलते नए भवन निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। नए कार्यालय के लिए भूमि का चयन भी क्षेत्राधिकारी आवास के सामने पड़े खाली मैदान में कर लिया गया है।

कोंच में तहसील भवन की इमारत में ही पुलिस क्षेत्राधिकारी का कार्यालय अवस्थित है। आधी शताब्दी पहले बने इस भवन में एसडीएम न्यायालय के ठीक बगल में पुलिस क्षेत्राधिकारी का कार्यालय आवंटित किया गया था। पचास साल के इस लंबे दौर में इमारत ने तमाम उतार चढाव देखे और वक्त के बेरहम थपेड़ों ने इमारत की हालत काफी खराब कर दी है। हालांकि तहसील प्रशासन समय समय पर अपने अधीन भवन का रखरखाव करता रहा जिसके चलते कमोवेश उसकी हालत अभी ठीक ठाक नजर आती है लेकिन क्षेत्राधिकारी कार्यालय का रख-रखाव ठीक ढंग से नहीं हो पाने के कारण इसकी दीवारों में गहरी दरारें पड़ गई और वह काफी जर्जर हालत में पहुंच गया है। इस कार्यालय में बैठ कर काम करना सीओ स्टाफ के लिए काफी जोखिम भरा है सो सीओ राहुल पांडे ने नए भवन की जरूरत बताते हुए विभागीय उच्च अधिकारियों को आवश्यक लिखापढी की थी जिसके बाद शुरुआती औपचारिकताओं को पंख मिले हैं। क्षेत्राधिकारी आवास के सामने खाली पड़े मैदान का चुनाव नए भवन के लिए कर लिया गया है। अब यह देखना लाजिमी होगा कि कब तक इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो पाती है।

वर्ष 1972 से चल रहा हैै सीओ कार्यालय –
तहसील कोंच की जिस इमारत में सीओ कार्यालय अवस्थित है वह लगभग पचास साल पुरानी है और किसी भी भवन में मोर्चा लगने के लिए इतना लंबा समयांतराल पर्याप्त माना जा सकता है, खासतौर पर सरकारी निर्माण को। तहसील के इस भवन के निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 1968 में शुरू किया गया था। इसके निर्माण में चार साल लगे थे और वर्ष 1972 की 15 सितंबर को तहसील प्रशासन को इसे हस्तांतरित किया गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी एम लाल की मौजूदगी में उस समय के मंडलायुक्त सैय्यद मोहम्मद इफ्राहीम ने इसका उद्घाटन किया था।

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