करोड़ों की लागत से बना पशु आश्रय केंद्र, फिर भी बनी रहती है अन्ना मवेशियों की समस्या

कोंच (पीडी रिछारिया) सरकार की लाख कोशिशों और करोड़ों खर्चने के बावजूद अन्ना मवेशियों की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। महंतनगर हाटा में नव निर्मित पशु आश्रय केंद्र ‘कान्हा गौशाला’ का क्षेत्रीय भाजपा विधायक मूलचंद्र निरंजन ने 6 सितंबर को लोकार्पण भी कर दिया था लेकिन अभी भी सैकड़ों की संख्या में आवारा जानवर किसानों के लिए आफत बने हुए हैं। नगर पालिका परिषद द्वारा कुल 1 करोड़ 68 लाख की धनराशि से कुछ समय पूर्व ही इसका निर्माण कार्य पूरा कराया था।
बुंदेलखंड में अन्ना समस्या न केवल किसानों बल्कि आम जनमानस के लिए भी जी का जंजाल बने हुए हैं। योगी सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता पर अन्ना समस्या को लेकर गौशालाओं के लिए सरकारी खजाने का मुंह भले ही खोल दिया हो लेकिन पशु आश्रय स्थलों की जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है। कोंच कस्बे की ही अगर बात करें तो यहां पिछले महीनों में नगर पालिका ने महंतनगर हाटा में 1 करोड़ 68 लाख खर्च करके पशु आश्रय स्थल ‘कान्हा गौशाला’ का निर्माण कराया था जिसका लोकार्पण पूरे तामझाम के साथ क्षेत्रीय विधायक मूलचंद्र निरंजन द्वारा 6 सितंबर को कराया गया था। विधायक ने अपने उद्बोधन में सरकार का संकल्प भी दोहराया था कि कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने गौ वंशों के जीवन की रक्षा कर उनके एक स्थान पर एकत्रीकरण के साथ ही भूसा चारा व पानी की व्यवस्था तथा प्रतिदिन दो घंटे के लिए पशु चिकित्सक की उपस्थित सुनिश्चित की है। इस पशु आश्रय केंद्र की क्षमता पांच सैकड़ा गौवंशों के रखे जाने की है लेकिन फिलवक्त इसमें दो ढाई सौ मवेशियों को रखा गया है। जबकि नगर क्षेत्र के सिंह वाहिनी मंदिर, उरई रोड, धनुताल, रेलवे स्टेशन, महाकालेश्वर मंदिर, कंजरबाबा, महेशपुरा रोड सहित विभिन्न इलाकों में सैकड़ों अन्ना मवेशी अभी भी छुट्टा घूम रहे हैं जो अंधेरे उजाले किसानों के खेतों में बोई गई फसलों को चौपट करने में लगे हैं। ऐसी स्थिति में पशु आश्रय स्थल की उपयोगिता पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।
‘साहब आवारा जानवरों से बचाईं जाएं फसलें’
किसानों ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर फसलें बर्बाद होने से बचाने की लगाई गुहार –
नगर क्षेत्र में पशु पालकों द्वारा अपने जानवरों खासकर गौवंशों को आवारा रूप से छोड़ देने से खेतों में बोई गईं फसलें नष्ट होने से परेशान किसानों ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर उनकी फसलों को उजड़ने से बचाने की गुहार लगाई है। नगरीय क्षेत्र के चारों ओर स्थित खेतों के मालिक किसानों कमलेश कुमार, सुनील कुमार, पंकज निरंजन, तेज सिंह, परमाईं, लक्ष्मी राम, जमाल, राधेलाल, महमूद, बृजकिशोर, इस्लाम, राकेश, अरमान आदि ने बुधवार को एसडीएम रामकुमार को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मोहल्ला आजाद नगर, गिरवर नगर, आराजीलेन में रहने वाले तमाम पशु पालक अपने जानवरों खासकर गौवंशों को आवारा छोड़ देते हैं जो खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं। इस स्थिति में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और फसलें बचाने के लिए मजबूरन रात रात भर खेतों पर रहकर रतजगा करना पड़ रहा है। उक्त किसानों ने बताया कि पशु पालकों से जब इस बाबत शिकायत की जाती है तो वह झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। इन किसानों ने आवारा जानवरों को पशु आश्रय स्थल भेजे जाने व संबंधित पशु पालकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।