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हर संभव प्रयास है कि क्षेत्रवासियों को ज्यादा से ज्यादा रेल सुविधाएं मिलें : केंद्रीय राज्यमंत्री

सैकड़ों आंखों ने इतिहास को इतिहास बनते देखा, भानु ने हरी झंडी दिखाई शटल को

कोंच (पीडी रिछारिया)। भारतीय रेल के इतिहास में देश की सबसे छोटी रेल जो कभी केबीसी का भी सवाल बनी थी, कोंच एट शटल ट्रेन को बुधवार को सैकड़ों आंखों ने इतिहास बनते देखा। कोंच एट शटल का नाम अब कोंच शटल हुआ, इसी के साथ इस शटल ट्रेन को सरसोकी तक विस्तार देकर कोंच रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया। क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने न केवल इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया बल्कि खुद भी अपने सैकड़ों साथियों व भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ इसी में बैठकर उरई तक का सफर किया।

रेल विभाग के तमाम अधिकारियों की मौजूदगी और क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा के मुख्य आतिथ्य में बुधवार की सुबह यहां कोंच रेलवे स्टेशन पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। मौका था कोंच एट शटल ट्रेन को सरसोकी तक विस्तारित कर इसका संचालन शुरू करने का। सांसद ने इस अवसर पर कहा, हरसंभव प्रयास यही है कि क्षेत्र के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रेल सुविधाएं मिल सकें। यह विस्तारित कोंच शटल ट्रेन यहां के रेल यातायात की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उरई में रात को भटकने वाले यात्रियों को उनके मुकाम तक पहुंचाने लिए यह शटल काफी मददगार साबित होगी। इसे केवल सरसोकी तक बढ़ा न मानें, उनका विश्वास है कि भविष्य में यह कानपुर और झांसी तक भी चलेगी। अपने संबोधन के दौरान 1997 में इस शटल के बंद होने का जिक्र करके लोगों को भावुक कर दिया।

उन्होंने कहा, एट और मोंठ में साबरमती एक्सप्रेस, छपरा मेल आदि के स्टापेज बहाल होने से यात्रियों के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि कोंच शटल ट्रेन की समय सारिणी में बदलाव कराया जाएगा ताकि एट जंक्शन पर ठहरने वाली लंबी दूरी की गाड़ियों से इसका मिलान हो सके। अधिकारियों ने भी उनकी बात का अनुमोदन करते हुए कहा, अभी जो टाइम शेड्यूल बना है उसे बदला जाएगा। इससे पूर्व रेल विभाग के अधिकारियों ने सांसद भानुप्रताप सिंह वर्मा का शाब्दिक स्वागत किया। सीनियर डीसीएम अमित आनंद ने कहा, भारतीय रेल आप लोगों के साथ है, यह क्षेत्र के विकास के लिए आगे बढ़ रही है, रेल यात्रियों की सुविधाओं पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। ठीक 8:05 बजे सांसद ने शटल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर सरसोकी के लिए रवाना किया और खुद भी गाड़ी में बैठ कर उरई तक का सफर किया।

इस दौरान रेलवे के एडीआरएम झांसी आरडी मौर्या, सीनियर डीसीएम अमित आनंद, स्टेशन मास्टर आरके तिवारी, उप स्टेशन मास्टर मंदाकिनी, एसडीबीए काशिम खान, पीएमए दिलीप कुमार, उदय कुमार, बाल्मीक कुमार पांडे, मनोज कुमार आदि रेल विभाग के अधिकारियों के अलावा पूर्व विधायक कालपी छोटे सिंह, हरिशंकर निरजंन, राजीव रेजा, अनिल वर्मा, प्रेमकिशोर राठौर, विकास पटेल पड़री, सौरभ पुरवार, प्रभंजन गर्ग, पालिकाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, अनिल अग्रवाल दतिया वाले, विनोद अग्निहोत्री, भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष सर्वेश निरंजन, अंजू अग्रवाल, एसडीएम कोंच सुशील कुमार सिंह, अभिमन्यु सिंह डिंपल, कैलाश मिश्रा, केबी निरंजन, हरिसिंह निरंजन, सुशील दूरवार, ओपी कुशवाहा, मनोज भान वर्मा, महेंद्र सोनी, देशराज सिंह जादौन, अशोक गुर्जर, गौरव तिवारी, परमाल ठाकुर, डीएन शिवहरे, राजेश्वरी यादव, डॉ. सावित्री गुप्ता, रामकुमार अग्रवाल, अजय रावत, आनंद सेठ, मयंक मोहन गुप्ता, शंभूदयाल स्वर्णकार, शिवपाल सिंह बरल, विक्रम ठाकुर, बाबूराम पाल, नरेंद्र विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।

आने वाले दिनों में झांसी कानपुर के बीच दौड़ेगी कोंच शटल
स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री से जब कहा कि यह शटल केवल कोंच सरसोकी तक ही सीमित नहीं रहने वाली है बल्कि आने वाले दिनों में यह शटल झांसी कानपुर के बीच भी दौड़ेगी जिससे कोंच को दो महानगरों से सीधे जोड़ कर विकास की मुख्य धारा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास किया जा रहा है कि कैसे यहां के लोगों को बेहतर रेल सेवाओं से जोड़ा जाए।

कोंच शटल के सरसोकी तक विस्तार ने विकास की नई परिभाषा गढ़ी –
अभी तक रेलवे की विकास यात्रा में एक अलग-थलग टुकड़े में पिछड़ा पड़ा कोंच का स्टेशन अब कोंच शटल के सरसोकी तक बढ़ने से विकास की नई परिभाषा गढ़ेगा क्योंकि अब यह विकास की मुख्यधारा से भी जुड़ गया है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जल्द ही कोंच स्टेशन के भी दिन बहुरने वाले हैं, इस स्टेशन की सूरत बदलेगी और स्टेशन पर सभी सुविधाओं का भी प्रबंध भी किया जाएगा।

बदला इतिहास, 182 यात्री गए शटल से –
अभी तक रेवले के इतिहास में कोंच शटल सबसे छोटी रेल लाइन में भले ही हो लेकिन रेल सेवा का सीधा लाभ यहां के लोगों को नहीं मिला। एक सौ बीस वर्ष बाद पहली बार शटल का इतिहास बदला है। बुधवार की सुबह 8: 05 पर पहली बार शटल उरई के लिए गई जिसमें 182 यात्री गए। बताया गया कि 2055 रुपए के कुल 82 टिकिट बिके हैं।

खुश दिखे दस रुपये में यात्रा करते यात्री –
मंहगाई के इस दौर में लोगों को जहां अपने रोजमर्रा के खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है ऐसे में आज रेल से उरई की यात्रा करने वाले दस रुपए का टिकिट लेकर शटल में सवार हुए तो काफी खुश नजर आ रहे थे। कोंच क्षेत्र से सबसे ज्यादा यात्री जिला मुख्यालय के निकलते है। अमूमन लोगों को व्यापार, न्यायालय, अस्पताल, सरकारी दफ्तरों में काम रहता है, उनको इस शटल का सीधा लाभ मिलेगा।

बदलते इतिहास को देखने वालों की रही भीड़ –
कोंच के बदलते इतिहास को देखने के लिए क्षेत्र भर के लोग उतावले नजर आए, बुधवार को कोंच रेलवे स्टेशन पर लोगों की अच्छी खासी भीड़ इस बदलते इतिहास को देखने के लिए इकठ्ठा हो गई थी। हर कोई इस पल को अपनी आंखों में कैद करना चाह रहा था। लोगों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी।

रेलवे और यात्री दोनों को फायदा मिला : दिलीप अग्रवाल
पहली बार शटल में सवार होकर कोंच से उरई से जा रहे कपड़ा व्यापारी दिलीप अग्रवाल का कहना था कि अब कोंच शटल एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन रेलवे और यात्रियों दोनों को सीधा फायदा पहुंचाएगी। एक ओर कोंच स्टेशन से टिकटों की बिक्री बढ़ने के साथ रेवले को फायदा पहुंचेगा वहीं दूसरी ओर टापू बने कोंच को सीधा मुख्यालय से जुड़ने का लाभ यहां की जनता को मिलेगा।

आज का दिन कोंच रेल के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा : सुनील
कोंच से उरई की यात्रा में केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा के हमसफर रहे भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया ने कहा, आजादी के अमृत काल में यानी 76 साल बाद और कोंच रेलवे के इतिहास में 120 साल बाद इस रेलवे लाइन का विस्तार किया गया है। इस सुखद और ऐतिहासिक पल के साक्षी बनकर कोंच वासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। कोंच रेलवे के इतिहास में आज का दिन स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा जिसके लिए केंद्रीय राज्यमंत्री के साथ ही रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी हार्दिक आभार। यह शटल ट्रेन विकसित कोंच व विकसित जनपद जालौन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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