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मनुष्य की सबसे अहम् जिम्मेदारी इस संसार को संभालना है : भदंत शील प्रकाश

उरई। भिक्खू संघ के परम पूज्य भदंत आनंद देव की स्मृति में मैत्री बुद्ध विहार बघौरा उरई में बौद्ध धर्म देशना कार्यक्रम का आयोजन शुरू हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुशीनगर से पधारे भदंत शील प्रकाश जी ने महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर भन्दतं आनंद देव चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

भदंतशील प्रकाश ने कहा कि महात्मा बुद्ध तथागत गौतम बुद्ध के रूप में भारत जैसे देश में पैदा हुए और कोने-कोने पर जाकर उन्होंने आजीवन लोगों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रूढ़िवादी आडंबरों से मुक्त होने के लिए जीवन लगाया। उन्होंने बताया कि मानव द्वेष, अहंकार एवं भौतिकता से अपने आस-पास दुखों का भंडार लगा रहता है और वह अपने अनमोल जीवन को यूं ही निकाल देता है जबकि मानव ही इस पृथ्वी पर सबसे योग्य प्राणी है और उसकी जिम्मेदारी संसार को संभालने की है और प्रगतिशील होकर रूढ़िवादिता का त्याग करना ही बुद्ध कि मार्ग है। और दुनिया भारत को बुद्ध की। धरती के रूप में जानती है,क्योंकि जब शिक्षा कोई अस्तित्व नहीं थे तब उनके अनुयायियों ने तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय बनाकर दुनिया में ज्ञान का दीपक जलाया। भिंड की बौद्ध आचार्य अरविंद बौद्ध द्वारा संगीतमय बुद्ध कथा निशा बौद्ध, सुनीता बौद्ध द्वारा भीमराव अंबेडकर व तथागत बुद्ध के जीवन संघर्ष पर गायन संगीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम संयोजक भतें ज्ञान ज्योति ने बताया यह कार्यक्रम 3 दिन चलेगा जिसमें जिले के आसपास से बुद्ध अनुयायी व शिरकत करेंगे। कार्यक्रम का संचालन राम बिहारी बौद्धाचार्य ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद शिक्षक सुधाकर राव गौतम, हरिशंकर याज्ञिक, चंद्रशेखर, मोतीलाल, ताराचंद गौतम, सुरेश चंद आजाद एवं सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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