पहाड़ों में बर्फबारी से कांपे मैदान, भयंकर शीतलहर में भी अलावों का अता-पता नहीं
कोहरे की घनी चादर में सब कुछ धुवां धुवां हुआ, थम गए वाहनों के चक्के

कोंच। पिछले तीन चार दिन से बैरोमीटर में लगातार लुढ़क रहे पारे ने मौसम में गजब की ठिठुरन भर दी है। अचानक सर्द हुए मौसम ने लोगों की मुश्किलें बढा दी हैं। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर मैदानों में साफ दिखाई दे रहा है और यहां लोगों की हड्डियों में ठंड पैबस्त होकर उन्हें कांपने पर मजबूर कर रही है। कोहरे की घनी चादर ने कायनात को अपने लपेटे में लेकर भयंकर शीतलहर पैदा कर दी है लेकिन कस्बे में अलावों का अभी भी कोई अतापता नहीं है, पिछले सालों में लगते रहे 156 के सापेक्ष केवल आठ-दस अलाव व्यवस्था की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं।
इस वक्त बैरोमीटर में पारे का लुढकना लगातार जारी है जिसके चलते न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है जिससे ठिठुरन बढ गई है और लोग ठंड से बुरी तरह कांप रहे हैं। ऐसी भीषण शीतलहर में लोग उपलब्ध संसाधनों के भरोसे ठंड से बचने के असफल प्रयास करते देखे जा रहे हैं। पालिका और तहसील प्रशासन द्वारा लगवाए जाने वाले अलावों का अभी तक कोई अतापता नहीं है जबकि पिछले सालों में इन दिनों पर्याप्त अलाव लगते रहे हैं जिनकी संख्या 156 तक बताई जा रही है लेकिन इन दिनों मात्र आठ-दस अलाव ही पूरे शहर में पालिका द्वारा लगवाए रहे हैं जो न सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते से लग रहे हैं।
गौरतलब है कि पहाड़ों में हो रही बर्फवारी का असर मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है और शीतलहर का प्रकोप जारी है। पिछले दो तीन दिनों में मौसम में जबर्दस्त बदलाव हुआ है, पूरी कायनात कोहरे की घनी चादर में लिपटी हुई है जिसके चलते भयंकर गलन भरी ठंड से लोग बेहाल हैं। यद्यपि इस ठंड में हर उम्र वय के लोग बेहाल हैं लेकिन इस आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में सबसे ज्यादा दिक्कत उम्रदराज लोगों के साथ साथ बच्चों को भी हो रही है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अपने शरीर पर गर्म कपड़ों की परतें बढानी शुरू कर दी हैं लेकिन राहत फिर भी नहीं है। ऐसी स्थिति में नागरिकों को पालिका और तहसील प्रशासन के द्वारा लगवाए जाने वाले अलावों का बेसब्री से इंतजार है।
चूंकि इन अलावों का अभी कोई ओर-छोर ही नहीं दिखाई दे रहा है सो ऐसे मेें लोग अपने निजी संसाधनों से अलाव लगा कर अपने शरीर को गर्म रखने की कोशिश जरूर करते देखे जा रहे हैं। झुग्गियों में बसर कर रहे लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है और वे पन्नी कूड़ा इकट्ठा करके आग जलाकर ठंड से लड़ते देखे जा रहे हैं। कड़ाके की इस ठंड को कई दिन हो गए हैं लेकिन नगर में अलावों का अता-पता नहीं होने से नाराज लोगों का कहना है कि जब भी नगर पालिका से अलावों की शिकायत की गई तब तब आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला है।
हालांकि अलावों को लेकर एसडीएम अतुल कुमार का कहना है कि कस्बे में अलाव लगाने के लिए नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व तहसीलदार को निर्देशित किया गया है कि जहां-जहां अलाव लगते रहे हैं वहां तत्काल अलावों की व्यवस्था की जाए, वह खुद चेक करेंगे अलाव।