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अपने आवास बनाने की हसरत पाले पात्र आवेदकों की टूटती जा रही उम्मीद

विगत दो साल से अधिकारी नहीं लगा पाए अपनी जांच रिपोर्ट

कालपी। प्रधानमंत्री आवास योजना के सहारे अपना आवास बनाने की हसरत पाले आवेदको की उम्मीद अब टूटने लगी है। उनकी फाईल विगत दो वर्ष से तहसील में अटकी पड़ी है लेकिन अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं।

शासन की योजनाओं का लाभ लेना आम आदमी के लिए आसान नहीं है। उनकी उम्मीद सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते काटते ही टूट जा रही है। ताजा उदाहरण नगर के प्रधानमंत्री आवास योजना से जुडा है जिसमे पालिका परिषद ने लगभग 1100 से अधिक आवेदको की सूची नगरीय विकास अभिकरण को भेजी थी लेकिन इस सूची में अपात्रो के शामिल होने के आरोप सत्ता पक्ष ने लगाये थे जिसके चलते फाइल जांच के लिए राजस्व विभाग को भेजी गयी थी जिसकी जांच और सत्यापन लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने कर लगभग 1100 लोगों की सूची नायब तहसीलदार को 2021 में ही भेजी थी लेकिन तत्कालीन नायब तहसीलदार राजेश पाल जांच के नाम पर उक्त फाइल को लटकाए रहे और अब उनका स्थानान्तरण हो गया है और उक्त फाईल नायब तहसीलदार हरदीप सिंह के पास है और वह भी उक्त फाइल को आगे बढ़ाने से टाल रहे हैं। बुधवार को आवेदक के रिश्तेदार ने आकस्मिक निरीक्षण को आये जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय को बताई तो 2 वर्ष से आवास की फाइल लंबित होने पर वह हैरत में पड गये और मौके पर मौजूद तहसीलदार शेर बहादुर सिंह को आवास की फाईल की जांच रिपोर्ट अतिशीघ्र सम्बन्धित विभाग को भेजने के निर्देश दिये है। वहीं इस मामले में जब नायब तहसीलदार से बात की गयी तो उन्होने कहा कि फाईल की जांच कराने के बाद ही रिपोर्ट लगाई जायेगी। आवास के आवेदको की माने तो वह दो वर्ष से आवास पाने का इंतजार कर रहे थे लेकिन प्रशासन की जांच में ढिलाई देख उनकी आस टूटने लगी है।

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